लोकसभा चुनाव में अब आख़िरी चरण का मतदान बाक़ी है। तसवीर काफ़ी हद तक साफ़ हो गई है। तीसरा मोर्चा तय करेगा कौन बनेगा प्रधानमंत्री! देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
आज अनुकूल मौसम दिखाई पड़ रहा है, लेकिन तीसरे मोर्चे की नींव नहीं पड़ती दिख रही। इसमें सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या तीसरा मोर्चा या फ़ेडरल फ़्रंट अब इस दौर की राजनीति में प्रासंगिक नहीं रहे?