इतने सारे सबूतों के बावजूद हमें क्या इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि समझौता और मक्का मसजिद मामलों की ही तरह मालेगाँव मामले में भी सारे अभियुक्त बरी हो जाएँगे?
प्रज्ञा के पकड़े जाने के अंदेशे से पुरोहित बेहद घबराए हुए थे और उनको शक हो गया था कि उन लोगों का फ़ोन टैप हो सकता है। इसी वजह से उन्होंने मेजर उपाध्याय को सिम बदलने की भी सलाह दी थी।
साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ले. कर्नल पुरोहित से पूछा था कि यदि वह निर्दोष हैं तो डर क्यों रहे हैं?
ले. कर्नल पुरोहित अभिनव भारत की बैठकों में भाग लेते रहे, इसके ऑडियो-वीडियो सबूत मौजूद हैं, इसलिए पुरोहित इससे इनकार नहीं कर सकते, न ही उन्होंने ऐसा किया है।
मालेगाँव धमाकों को लेकर ले. कर्नल पुरोहित ने अपने बचाव में उस ख़त का भी हवाला दिया जो उन्होंने इंटेलिजेंस अधिकारी को लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार का भी ही हाथ था।
बीजेपी ने तो साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को यह सोच कर मैदान में उतारा था कि वह दिग्विजय सिंह को घेर लेंगी। पर हेमंत करकरे पर दिए बयान की वजह से अब खुद बीजेपी घिर गई है।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर जूलियो रिबेरो ने कल कहा कि हेमंत करकरे से उनकी मुंबई हमले से एक दिन पहले मुलाक़ात हुई थी जिससे पता चलता था कि उनपर कोई ’अदृश्य’ दबाव था और इस कारण वे बेहद तनाव में थे।
पूछताछ के दौरान जब कर्नल पुरोहित ने चार-पाँच बार पूछे जाने पर भी कुछ नहीं कहा था तो एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने प्रज्ञा से पूछा, ‘आप इनको जानती हैं?’ प्रज्ञा ने कहा, ‘हाँ, जानती हूँ। ये वही कर्नल हैं।’
दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव में उतरने की घोषणा के साथ ही साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं, अदालत ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने को कहा है। प्रज्ञा फ़िलहाल ज़मानत पर हैं।
मालेगाँव बम धमाका मामले में अभियुक्त साध्वी प्रज्ञा सिंह इस बात से खुश नहीं थी कि उस विस्फोट में कम लोग मारे गए थे। उन्हें इस बात का मलाल था कि उनकी मोटरसाइकिल भीड़ भरे इलाक़े में खड़ी नहीं की गई थी।