केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों, दिहाड़ी मज़दूरों और शहरी तथा ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले ग़रीबों के लिए एक लाख सत्तर हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा की है।
किसी देश का नेता अगर समझदार और ज़िम्मेदार न हो तो उसे बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। वे उसे युद्ध में झोंक सकते हैं, आर्थिक संकट खड़ा कर सकते हैं और कई बार देशवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ भी खड़ी कर सकते हैं।
भारत में 6 लाख डॉक्टरों की कमी है जबकि 20 लाख कम नर्स हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में भारत का स्थान 184वा हैं, प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य बजट बहुत ही कम है। ऐसे में कोरोना के कहर से आप कितना बच सकते हैं? सत्य हिन्दी के ख़ास कार्यक्रम 'द डेली शो' में देखें वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण।
क्या मोदी सरकार देशवासियों की निगरानी कर रही है? क्या भारत सरकार विभिन्न ज़रियों से हमारे बारे में जानकारियाँ इकट्ठा कर रही है ताकि उनका इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए कर सके? और क्या भारत एक सर्विलांस स्टेट में तब्दील होता जा रहा है? सुनिए, ऐसा क्यों कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार।
होर्डिंग्स विवाद पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सद्बुद्धि नहीं आई है। अब वह रिकवरी ऑफ़ डैमेज टू गवर्नमेंट एंड प्राइवेट प्रापर्टी ऑर्डिनेंस लेकर आई है। इस अध्यादेश के प्रावधान ऐसे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसका एकमात्र मक़सद आम जनता में खौफ़ पैदा करना है और विरोध करने वालों की आवाज़ को दबाना है। सुनिए, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने।
रिकवरी अध्यादेश के प्रावधान ऐसे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक कसौटी पर खरे नहीं उतरते। इसका एकमात्र मक़सद आम जनता में खौफ़ पैदा करना है और विरोध करने वालों की आवाज़ को दबाना है।
मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। पता नहीं, कमलनाथ की सरकार बचेगी या नहीं और बचेगी भी तो क्या दल-बदल के ही सहारे?
मध्य प्रदेश में एकमुश्त दल-बदल के ज़रिए सरकार को गिराने का खेल चल रहा है। कमलनाथ की सरकार गिरेगी या बचेगी भी तो क्या दलबदल के ही सहारे? दल-बदल तो पहले भी होता रहा है लेकिन बीजेपी ने कैसे बदल दिया इस दल-बदल की राजनीति को? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
पिछले एक हफ़्ते से संसद ठप है। विपक्ष माँग कर रहा है कि दिल्ली दंगों पर तुरंत चर्चा करवाई जाए मगर सरकार उसे लगातार टाले जा रही है। सरकार दिल्ली दंगों पर चर्चा करने से क्यों बच रही है? क्या चर्चा से गृहमंत्री अमित शाह के लिए मुसीबत खड़ी होगी क्योंकि वे दंगा रैकने के मामले में बुरी तरह नाकाम साबित हुए? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की चर्चा।
अमेरिकी ग़ैर-सरकारी संगठन की एक रिपोर्ट आई है कि लोकतांत्रिक मूल्यों व आज़ादी सूचकांक में भारत फिसल गया है। किस वजह से भारत की ख़राब हुई स्थिति? क्या सरकार के कामकाज, इसकी पारदर्शिता, क़ानून व्यवस्था, बहुलतावाद और आस्था व अभिव्यक्ति की आज़ादी के मामले में गिरावट आई है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने और बचाने का ‘खेल’ तेज़ हो गया है। कांग्रेस और उसकी सरकार का समर्थन कर रहे दलों के लगभग 10 विधायकों को बीजेपी द्वारा गुड़गांव के एक होटल में बंधक बनाये जाने के आरोप लगे हैं। क्या होगा अब कमलनाथ सरकार का? बचेगी या जाएगी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की चर्चा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया छोड़ने की बात की तो इतना हंगामा क्यों हुआ? और जब हंगामा हुआ तो प्रधानमंत्री ने मोदी ने इसको अलग ही मोड़ क्यों दे दिया? यानी खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। आख़िर क्या है प्रधानमंत्री का ऐसा करने का सस्पेंस? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।