नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए के नियमों को ही तैयार करने में पाँच महीने और लग सकते हैं। एनआरसी के मामले में सरकार ने कहा है कि इसको पूरे देश में लागू किए जाने पर अभी तक फ़ैसला नहीं लिया जा सका है। ऐसा क्यों है?
असम के धुबड़ी ज़िले में एक विदेशी ट्रिब्यूनल (एफ़टी) में सात मुसलिम असिस्टेंट गवर्नमेंट प्लीडर (एजीपी) को हटाकर जिस तरह हिंदू समुदाय के सात अधिवक्ताओं को नियुक्त किया गया है, उसकी तीव्र आलोचना हो रही है।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से बाहर किए गए लोगों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रक्रिया को कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया था।
पूरे देश भर में एनआरसी लागू करने की बात कहकर दहाड़ने वाले गृह मंत्री अमित शाह अब एनपीआर पर क्यों झुक गए हैं? आख़िर संसद में उन्हें क्यों यह कहना पड़ा कि एनपीआर पर कोई कागज दिखाने की ज़रूरत नहीं है।
बिहार में बीजेपी के ही सहयोगी जदयू के नेतृत्व वाली नीतीश कुमार सरकार द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास करने के बाद अब तमिलनाडु में भी इसकी तैयार चल रही है।
एनआरसी पर सरकार पीछे हट रही है या इस पर नयी पैंतरेबाज़ी कर रही है? गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने क्यों कहा कि एनआरसी पर अभी तक फ़ैसला नहीं हुआ है? क्या इसका एक मतलब यह नहीं होता है कि बाद में इसे लाया जा सकता है? क्या चाहती है सरकार, देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
NRC को देश भर में लागू करने को लेकर गृह मंत्रालय ने आज लोकसभा में कहा है कि इसको देश भर में लागू करने को लेकर अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है। Satya Hindi
नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी गंभीर मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की सरकार की कोशिशें हैं। इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से किए गए सर्वे ‘मूड ऑफ़ द नेशन’ में यह बात सामने आई है।
नागरिकता संशोधन क़ानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए अब 106 सेवानिवृत्त अफ़सरों ने खुला पत्र लिखा है। उन्होंने एनपीआर और एनआरआईसी को ग़ैर ज़रूरी और बेकार बताया।
रिटायर्ड आईएएस राजू शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह को सवालों के जवाब में बताया कि एनपीआर और एनआरसी, दोनों वर्ष 2003 के नागरिकता संशोधन क़ानून में शामिल है। इसके बारे में राजनेता और सरकारी अफ़सर ग़लत बयानियाँ कर रहे हैं। देश में 41 करोड़ लोग विस्थापित हैं, वे कैसे सिद्ध करेंगे कि वे देश के नागरिक हैं?
शहूर पाकिस्तानी शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का नागरिकता क़ानून, एनआरसी या नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर से भला क्या मतलब? उनकी मशहूर नज़्म 'हम भी देखेंगे' भारत के लोगों की ज़ुबान पर क्यों है? क्या यह नज़्म हिन्दू विरोधी है, या यह इसलाम के ख़िलाफ़ है? सत्य हिन्दी पर बता रहे हैं प्रमोद मल्लिक।
नागरिकता क़ानून और एनआरसी की वजह से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नुक़सान पहुँचा है। भारत की पहचान क्या रही है? शांति के मार्ग पर चलने वाला देश है, उन्माद में विश्वास रखने वाला नहीं। विविधता वाला और धर्मनिरपेक्ष देश है। भारत का लोकतंत्र प्रेरणा स्रोत रहा है। लेकिन अब इस छवि को नुक़सान पहुँचा है। किसके कारण यह नुक़सान हुआ है? देखिए आशुतोष की बात।
विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित तथा डिटेंशन कैंप में मारे गए दुलाल चंद्र पाल के परिवार वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर आगबबूला हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है।