दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से ज़हरीली हुई हवा और प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर की है। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को स्थिति सुधारने को कहा।
दिल्ली में ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला एक बार फिर लागू हो गया। इसके पहले दुनिया के कई अलग-अलग देशों में यह आजमाया जा चुका है। उनके नतीजे क्या रहे हैं? क्या इससे प्रदूषण कम हो गया? यदि हुआ तो प्रदूषण में कितनी कमी आई? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक के साथ।
दिल्ली में हवा ज़हरीली है और इसके असर को कम करने के लिए सरकार ने ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला को लागू कर दिया है। ख़राब हवा से जो साँस लेने में दिक्कत हो रही है क्या उसे ऑड-ईवन दूर कर देगा?
हवा हद से ज़्यादा ख़राब हो गई है और इसी बीच सोमवार से दिल्ली में ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला लागू हो गया है। यह 15 नवंबर तक लागू रहेगा। देखना होगा कि यह कितना कारगर साबित होता है?
दिल्ली-एनसीआर में हर तरफ़ धुआँ-धुआँ सा है। धुआँ क्या, पूरा का पूरा ज़हर सा है। दीपावली के एक दिन बाद जैसी स्थिति थी उसके अगले दिन यह और ख़राब हो गई। इस स्तर तक ख़राब कि यह जानलेवा हो गई है।
दिल्ली में ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला 4 से 15 नवंबर तक यानी 12 दिनों तक सुबह आठ से रात आठ बजे तक लागू होगा। ऑड-ईवन से कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट की भी घोषणा की गई है। किनको मिलेगी छूट?
दिल्ली में प्रदूषण के मामले पर अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी सरकार के आने के बाद प्रदूषण कम हो गया। प्रदूषण कम करने में उनका श्रेय लेना कितना जायज है?