बिना विपक्ष, बिना बहस श्रम कानून पास। विपक्ष की आपत्ति दरकिनार! मोदी सरकार को संसद की ज़रूरत क्यों? आशुतोष के साथ चर्चा में कमर वहीद नकवी और श्रवण गर्ग!
संसद के मानसून सत्र को छोटा करने की जो आशंका पहले से जताई जा रही थी उस पर लगता है अब अमल होने जा रहा है। सरकार ने विपक्षी दलों से चर्चा के बाद लोकसभा के मानसूत्र सत्र को कम करने का फ़ैसला ले लिया है।
संसद के मानसून सत्र शुरू होने के पहले दिन सोमवार को कम से कम 25 सांसदों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव की आई है। सत्र शुरू होने से पहले 13 और 14 सितंबर को इन सांसदों की कोरोना जाँच की गई थी और आज इनकी रिपोर्ट आई है।
सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच इस सत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया है और एहतियात बरते जाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस लद्दाख में चीनी घुसपैठ, लगातार डूबती अर्थव्यवस्था, तेज़ी से बढ़ती बेरोज़गारी और सरकारी उपक्रमों के निजीकरण के मुद्दों पर मोदी सरकार और ख़ास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरेंगी।
इस बार संसद के मानसून सत्र में शून्य काल और प्रश्न काल नहीं होने पर पूरे विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला, इसके बाद सरकार लिखित प्रश्नों के जवाब देने पर राजी हो गई।