किसानों के 8 दिसंबर के भारत बंद के समर्थन में विपक्षी दल भी आ गए हैं। इसका समर्थन कांग्रेस से लेकर अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप, तृणमूल, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, टीआरएस, डीएमके और कई वामपंथी दलों ने भी किया है।
किसान अड़े हैं। कृषि क़ानूनों को वापस लेने से कुछ भी कम स्वीकार नहीं है। हाँ और ना में जवाब चाहते हैं। इसका क्या मतलब है? शनिवार को पत्रकारों से ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने कहा, 'लगता है सरकार इन क़ानूनों के वापस लेगी।'
प्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को एक और कानून लाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देना चाहिए। किसानों के साथ समझौते का यही सबसे बड़ा आधार हो सकता है।
किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह की बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया है। गृह मंत्री ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार किसानों की सभी माँगों पर बात करने को तैयार है बशर्ते वे सरकार द्वारा तय जगह पर चले जाएँ।
किसान जिन क़ानूनों के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे हैं उनको प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलने वाला बताया है। प्रधानमंत्री ने तो यहाँ तक कहा कि वर्षों से किसानों की जो माँगें थीं वे अब पूरी हुई हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।कृषि बिल पर केन्द्र के ख़िलाफ़ RSS से जुड़ा किसान संगठन। एनआईए ने अलकायदा के नौ आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया।
मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे कृषि अध्यादेशों के ख़िलाफ़ हरियाणा, पंजाब और कई राज्यों में किसान सड़क पर हैं। क्या केंद्र सरकार किसानों की बात सुनेगी।Satya Hindi
हरियाणा पंजाब में किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं? क्यों मोदी सरकार लायी कृषि अध्यादेश? स्मिता शर्मा के साथ चर्चा में कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र सिंह रॉबिन, किसान मज़दूर संघर्ष समिति पंजाब के महासचिव सरवन सिंह पंढेर!