राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद भी कांग्रेस के कुछ विधायक नाराज़ हैं। गहलोत इन्हें कैसे मना पाएंगे और क्या गहलोत और पायलट खेमे अब मिलकर काम करेंगे?
कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी रह चुके सचिन पायलट के गुटों के बीच सुलह सफाई के लिए रविवार को होने वाली बैठक टाल दी गई है।
पायलट ने दौसा, भरतपुर और चाकसू में बड़ी किसान महापंचायतें की हैं और इनमें अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की मदद के बिना ही भीड़ जुटाकर आलाकमान तक अपने ‘जिंदा’ होने का पैगाम पहुंचाया है।
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क्या राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है या वह सिर्फ पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ाने के लिए बार-बार संकेत दे रहे हैं कि बीजेपी में शामिल हो सकते हैं?