भारत में धार्मिक आज़ादी, सहिष्णुता और एक दूसरे धर्मों के प्रति लोगों के रवैये के रोचक तथ्य सामने आए हैं। प्यू से सर्वे के उनुसार लोगों के रवैये में ग़ज़ब का विरोधाभास है।
सर्वोच्च न्यायालय की यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि भारत का संविधान नागरिकों को अपने ‘धर्म-प्रचार’ की पूरी छूट देता है और हर व्यक्ति को पूरा अधिकार है कि वह जिसे चाहे, उस धर्म को स्वीकार करे।
प्रधानमंत्री मोदी के 'दोस्त' डोनल्ड ट्रंप का प्रशासन भारत में धार्मिक आज़ादी को लेकर बेहद चिंतित है। अब तो ट्रंप प्रशासन के उच्च अधिकारी ने कह दिया है कि धार्मिक आज़ादी को लेकर भारत में जो हो रहा है वह 'बेहद चिंताजनक' है।
धार्मिक स्वतंत्रता पर नज़र रखने वाले एक कमीशन ने ट्रम्प प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट में भारत में हो रहे उत्पीड़न पर गहरी चिंता जताई है। उसने पिछले साल भर की घटनाओं का हवाला देते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यही नहीं उसने कुछ पाबंदियां लगाने औऋ संपत्ति ज़ब्त कर लेने जैसे कुछ सुझाव भी दिए हैं।