अनुच्छेद 370 में बदलाव करने के 7 महीने बाद अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोशल मीडिया से पाबंदी हटा ली है। हालाँकि लोगों को इंटरनेट की स्पीड 2जी की ही मिलेगी।
नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से सोशल मीडिया पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत का जो मौहाल तैयार किया जा रहा है, क्या वह स्वतस्फूर्त है या इसके पीछे किसी की साजिश है?
यूरोपीय संसद के 23 सदस्यों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त प्रतिक्रिया हो रही है। ट्विटर पर #ये_कैसा_राष्ट्रवाद ट्रेंड कर रहा है, जिससे सैकड़ों लोग जुड़ गए हैं।
सरकार जल्द ही एक ऐसा क़ानून लाने जा रही है जिससे सोशल मीडिया पर हेट स्पीच, फ़ेक न्यूज़, किसी को अपमानित करने की नीयत से किए गए पोस्ट और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोका जा सकता है। सत्य हिंदी न्यूज़
क्या वोट के लिए मुफ़्त में सामान बाँटने जैसी पेशकश करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? यदि नहीं है तो क्या इसे उल्लंघन के दायरे में नहीं होना चाहिए? यह सवाल एक ऐसे ही विज्ञापन के बाद उठ रहा है।