पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए जासूसी करने के मामले में केंद्र सरकार बुरी तरह घिरती जा रही है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जाँच कराने की माँग की है। उसने सरकार से कहा है कि वह श्वेत पत्र जारी करे।
कर्नाटक की कांग्रेस-जनता दल सरकार भी पेगासस सॉफ़्टवेअर जासूसी के निशाने पर थी। लीक हुए डेटाबेस में इस सरकार के लोगों के फ़ोन नंबर भी पाए गए हैं। यह साल 2019 में उस समय की बात है।
इजराइली एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस से भारत में जासूसी कराने के जो आरोप लग रहे हैं उसे कौन करा रहा होगा और इतने खर्चीले स्पाइवेयर से कौन सौदा कर सकता है?
कांग्रेस ने पेगासस स्पाइवेयर से नेताओं, पत्रकारों और दूसरे लोगों की जासूसी करने के आरोपों में घिरे मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार लोगों के बेडरूम में झांक रही है और जासूसी कर रही है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस को लेकर खुलासे के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि यदि पेगासस के ख़ुलासे सही हैं तो नरेंद्र मोदी सरकार ने निजता के अधिकार पर गंभीर हमला किया है।
पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए पत्रकारों, केंद्रीय मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं और दूसरे लोगों की जासूसी की ख़बर सार्वजनिक होने के बाद एक अहम सवाल यह उठता है कि आख़िर यह जासूसी कैसे की गई?
वाट्सऐप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि 'एनएसओ के ख़तरनाक स्पाइवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर में मानवाधिकारों के घोर हनन के लिए किया जाता है और इसे रोका जाना चाहिए।'
देश के चोटी के 40 पत्रकारों की जासूसी पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए की गई है। इसमें 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' के पत्रकार शामिल हैं।