एक वीडियो में तब्लीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ 'नफ़रत' की बात कहती दिखने वाली कानपुर के मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी को हटा दिया गया है।
दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की एक के बाद एक दाखिल हो रही चार्जशीट रोज़ नए खुलासे कर रही है। मगर असली खुलासा स्पेशल सेल द्वारा दाखिल होने वाली चार्जशीट में देखा जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के सबसे बड़े हॉस्पिटलों में से एक की प्रिंसिपल और डॉक्टर स्टिंग में कैमरे पर तब्लीग़ी जमात के ख़िलाफ़ नफ़रत वाले बयान देती दिख रही हैं।
तब्लीग़ी जमात के मुखिया मौलाना साद के ख़िलाफ़ आए दिन क़ानूनी शिकंजा कसने की ख़बरें आती हैं लेकिन सवाल यह है कि दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ़्तार क्यों नहीं कर रही है?
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद कंधलवी के कथित ऑडियो पर रहस्य गहराता जा रहा है। उनका आडियो फ़ेक न्यूज़ है, उसके साथ छेड़छाड़ की गयी है या वह असली है, यह कैसे पता चले?
दिल्ली पुलिस की जाँच में पता चला है कि तबलीग़ी प्रमुख मौलाना साद का जो वीडियो वायरल हुआ था, वह कई ऑडियो क्लिप्स को एडिट कर बनाया गया था। क्या है सच? देखिए सत्य हिन्दी पर प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
कोरोना निगेटव साबित होने और 28 दिनों का क्वरेन्टाइन पूरा करने के बावजूद तबलीग़ी जमात के 3,000 लोगों को क्यों नहीं छोड़ रही है मोदी सरकार? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
तबलीग़ी जमात के तीन हज़ार से ज़्यादा सदस्यों को कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए जाने, 28 दिनों तक क्वरेन्टाइन में रहने के बाद भी उन्हें क्वरेन्टाइन केंद्रों से नहीं छोड़ा गया है।
दिल्ली सरकार ने क्वॉरंटीन का समय पूरा कर चुके तब्लीग़ी जमात के क़रीब 4000 सदस्यों को छोड़ा जा रहा है। अब वे अपने-अपने घर जा सकते हैं। संबंधित राज्यों को उनको ले जाने के लिए व्यवस्था करनी होगी।
हिटलर के नाज़ी मंत्री गोएबल्स का एक सिद्धांत था 'जितना बड़ा झूठ होगा, वह उतनी ही आसानी से जनता द्वारा निगला जाएगा'। क्या भारतीय अधिकारियों का एक बड़ा वर्ग और हमारे ज़्यादातर बेशर्म और बिके हुए भारतीय मीडिया गोएबल्स के वफादार शिष्य हैं?