कांग्रेस नेता चिट्ठी सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखने को लेकर चल रहे विवाद के बीच ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2 साल बाद होने वाले चुनाव के लिए 7 पैनल बनाए हैं। इसमें जितिन प्रसाद और राज बब्बर जैसे कई बड़े नाम शामिल नहीं किए गए हैं।
दिल्ली में सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस के बाद प्रियंका के लखनऊ आने की ख़बर है। ऐसे में प्रियंका गांधी मायावती और अखिलेश यादव की सियासत को चुनौती दे सकती हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा की सियासी सक्रियता से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी ख़ुश हैं और सपा, बसपा परेशान हैं। लेकिन क्यों? सुनिए, पवन का विश्लेषण।
प्रियंका गांधी वाड्रा की उत्तर प्रदेश में सक्रियता से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी दोनों ही उत्साहित हैं। लेकिन एसपी और बीएसपी इससे परेशान हैं।
आज़ाद, ओमप्रकाश राजभर दलितों, पिछड़ों और मुसलिम समाज के बड़े हिस्से को जोड़ने में कामयाब रहते हैं तो निश्चित रूप से योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
लोकसभा चुनाव में क़रारी हार के बाद से ही प्रियंका गाँधी वाड्रा लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे कर रही हैं। लेकिन क्या वह कांग्रेस को मजबूत स्थिति में वापस ला पाएंगी?