2020 साल एक बुरे सपने जैसा था । क्यों ये साल डराता है ? क्या आने वाला साल बेहतर होगा ? या भारत समेत पूरी दुनिया अब पहले जैसी नहीं रहेगी ? जाने माने चिंतक पुरूषोत्तम अग्रवाल से आशुतोष की बातचीत ।
बहुत बुरा था 2020! लेकिन क्या इतना कहना काफी है? कतई नहीं। मौत के मुँह से वापस निकलने का साल था 2020। यूं नहीं समझ आता तो उन लोगों की सोचिये जो 2020 में कोरोना के शिकार हो गए।
वर्ष 2020 अब कुछ घंटों का ही मेहमान है। लेकिन ये वर्ष इतिहास के सबसे यादगार वर्षों के रूप में दर्ज़ किया जाएगा। इस वर्ष की प्रमुख घटनाओं के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार-
ट्रम्प का ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ एक तरह से राष्ट्रवाद का उद्घोष था। ट्रम्प के चार साल के कार्यकाल में अमेरिका ने वैश्विक भूमिका से ख़ुद को काटना शुरू कर दिया। ट्रम्प ने उन्मादी राष्ट्रवाद और श्वेत बनाम अन्य के नस्लवाद का सहारा लिया।
कोरोना महामारी हमारी स्मृति में 2020 की घटना के तौर पर दर्ज़ हो चुकी है, मगर चीन के वुहान में तो यह 2019 के नवंबर-दिसंबर में ही प्रकट हो चुकी थी और अब वह 2021 में भी मौजूद रहेगी यह तय हैं।