क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में भीड़ जुटाने का काम करेगा सरकारी अमला। बीजेपी के नेता और एमएलए कहां गए? सबसे बड़ी पार्टी का सबसे बड़ा संगठन काम नहीं कर रहा है क्या? या टिकट कटने के डर में नाराज़ हैं पार्टी के एमएलए?
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन या लाम पर जाने की तैयारी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे पहले के मुख्यमंत्रियों के लिए विकास अपने घर तक ही सीमित था। यूपी में अब छेत्रवाद नहीं। लेकिन प्रधानमंत्री के उद्घाटन से पहले ही समाजवादी कार्यकर्ताओं ने साइकिल चलाकर उद्घाटन कर डाला। आखिर किसका है ये एक्सप्रेसवे और क्यों है इतनी राजनीति?
दिल्ली की हवा में कितना जहर? इस जहर का जिम्मेदार कौन? हवा खराब होगी तो कौन बचेगा? अब भी पर्यावरण की न सोची तो कब सोचेंगे? आप, बीजेपी और कॉंग्रेस से आगे बढ़कर सोचने का वक्त? कोर्ट नहीं कहेगा तब तक सरकारें सुनेंगी नहीं? ग्लासगो सम्मेलन से क्या सबक हैं हमारे लिए? आलोक जोशी के साथ शिवकांत शर्मा, हृदयेश जोशी और पर्यावरण एक्टिविस्ट सुनील सूद।किस्सागो हिमांशु बाजपेई तो रहेंगे ही
नफ़रती और झूठे बयानों वाली कंगना रनौत पर कार्रवाई कब? कंगना के बयान पर कार्यक्रम में तालियां बजाने वाले कौन? ऐसे बयानों के कारण ही कंगना रनौत को मिलते हैं सरकार से सम्मान? Alok Adda में आज की चर्चा इन्हीं सवालों को लेकर। Satya Hindi।
दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत में आर्थिक विकास दर के बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। जानिए, आर्थिक विशेषज्ञों को धनतेरस और दिवाली से क्यों है तरक्की की उम्मीद।
उत्तर प्रदेश में बाहुबली नहीं दिखते? लड़कियां सुरक्षित हो गई हैं? मोदी को जिताना है तो योगी को जिताना होगा। आखिर यूपी को क्या संदेश दे गए हैं अमित शाह? आलोक जोशी के साथ शरत प्रधान, बृजेश शुक्ला, अंबरीश कुमार और हिमांशु बाजपेई
आर्यन खान की गिरफ्तारी और फिर उसे जमानत न मिलने की जिद पर क्यों अड़ा है एनसीबी? यह नशेखोरी का मामला है या कुछ और? है कौन यह समीर वानखेडे? एक ईमानदार अधिकारी या फिर राजनीति का मोहरा? आलोक जोशी के साथ मुंबई के वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर वाहिद अली खान, सोमदत्त शर्मा, शीतल पी सिंह और हिमांशु बाजपेई।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विस्फोटक बयानों पर बीजेपी में सन्नाटा क्यों है? मलिक गोवा और जम्मू कश्मीर के राज्पाल रहे हैं। दोनों राज्यों के बारे में उन्होंने जो खुलासे किए हैं उनसे न खाऊंगा न खाने दूंगा की नीति पर सवाल उठते हैं। फिर भी क्यों खामोश है बीजेपी और मोदी सरकार? मलिक मानते हैं कि प्रधानमंत्री तो भ्रष्टाचार रोकना चाहते हैं। फिर कौन है जो उनका साथ नहीं दे रहा? आलोक जोशी के साथ शरत प्रधान, अशोक वानखेड़े, आशुतोष और हिमांशु बाजपेई
दाम बढ़ने की वजह यही है कि कंपनियों का ख़र्च बढ़ गया है। और वो भी तब जबकि वो किफायत के सारे रास्ते आजमा चुकी हैं। ऐसे में दाम काबू करने का दबाव शायद बहुत से क़ारोबारों के लिए ख़तरनाक भी साबित हो सकता है।
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की गोरखपुर के होटल में मौत। पुलिस ने कहा हत्या नहीं, भागते वक्त मौत हुई। फिर छह पुलिसवालों पर मुकदमा क्यों? यही है अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश?
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के मुखिया अखुंदजादा गायब? ज़िंदा होने पर भी सवाल। मुल्ला बरादर की पिटाई की खबरें। इमरान खान को चिंता कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध हो सकता है। आखिर चल क्या रहा है? कौन चला रहा है अफगानिस्तान की सरकार और किसका पत्ता हुआ साफ? आलोक जोशी के साथ विभूति नारायण राय, लंदन से शिवकांत और पाकिस्तान से उमर अल्ताफ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार साढ़े चार साल पूरे होने पर सालगिरह जैसा उत्सव मना रही है। शायद पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार साढ़े चार साल भी मना रही हो। क्या इसलिए कि चुनाव से पहले वादे याद दिलाए जा सकें? या इसलिए कि चुनाव के वक्त लोगों को वादे याद न आ सकें? आलोक अड्डा में आलोक जोशी के साथ भाजपा के अश्विनी शाही, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, और वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र नाथ भट्ट।
पेट्रोल डीजल इतना महंगे क्यों है? अधिकतर इसका जवाब जानते होंगे। लेकिन मोदी सरकार पूर्व में कांग्रेस शासन में ऑयल बॉन्ड को इसलिए ज़िम्मेदार क्यों मानती है? इसमें कितनी सच्चाई है?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फिर महाराष्ट्र में बाहरी या परप्रांतीय लोगों का मुद्दा छेड़ दिया है। यह कानून व्यवस्था का सवाल है या मराठी वोटों पर निशाना? शिवसेना ने चोला बदला तो क्या करेंगी कॉंग्रेस और एनसीपी? सिर्फ महाराष्ट्र तक रहेगा या उत्तर प्रदेश भी पहुंचेगा उद्धव का यह बाहरी कार्ड?
रबी की एमएसपी वक्त से पहले बढ़ाई गई। क्या दो ढाई परसेंट की यह बढ़त किसानों के लिए खुशखबरी है? अब शांत हो जाएगा किसानोें का गुस्सा? आलोक जोशी के साथ किसान नेता वी एम सिंह, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र भट्ट और सतीश के सिंह
श्रीलंका में फ़ूड इमरजेंसी यानी खाद्य आपातस्थिति का ऐलान हुआ है। जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ़ खाने का संकट नहीं है बल्कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी मुसीबत का संकेत है और दरअसल यह आर्थिक आपातकाल का ऐलान है।
चीफ जस्टिस एन वी रामन्ना ने कहा कि मीडिया का एक हिस्सा हर चीज़ को सांप्रदायिक रंग दे देता है। यह बात उन्होंने तबलीगी जमात और कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों के मामले में कही। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों से देश का नाम खराब होता है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि समाचार माध्यमों में जिम्मेदारी गायब होती जा रही है। आलोक जोशी के साथ रामकृपाल सिंह, एन के सिंह, आशुतोष और हर्षवर्धन त्रिपाठी।
जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
तालिबान तो तालिबान है। गुड तालिबान और बैड तालिबान कुछ नहीं। यह कहनेवाली मोदी सरकार अब तालिबान से बात कर रही है। यह करना ज़रूरी है क्या? क्या इसपर सवाल उठाना गलत राजनीति है? आलोक जोशी के साथ विभूति नारायण राय, वेद प्रताप वैदिक, वीरेंद्र भट्ट और हिमांशु बाजपेई
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे चुकी थी सीबीआई? कॉंग्रेस एनसीपी ने किया दावा और जांच की मांग। सीबीआई का दावा उनके खिलाफ सबूत हैं। भ्रष्टाचार की जांच चल रही है या राजनीति की चालें?आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी पी के जैन, राजनीतिक विश्लेषक सुनील तांबे, वरिष्ठ पत्रकार तुलसीदास भोइते, सोमदत्त शर्मा और हिमांशु बाजपेई