दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक लापता है? अलीबाबा के जैक मा अज्ञातवास में हैं? या चीन की सरकार ने उनकी ज़ुबान बंद कर दी है? रहस्य गहरा रहा है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले नेताओं को ईडी दफ्तर के सामने ही जूतों से नहीं पीटा तो मेरा नाम संजय राउत नहीं। भ्रष्टाचार के आरोपों, ईडी के नोटिस, यूपीए की राजनीति और अर्नब गोस्वामी की पत्रकारिता पर संजय राउत से आलोक जोशी की खुली बातचीत।
बहुत बुरा था 2020! लेकिन क्या इतना कहना काफी है? कतई नहीं। मौत के मुँह से वापस निकलने का साल था 2020। यूं नहीं समझ आता तो उन लोगों की सोचिये जो 2020 में कोरोना के शिकार हो गए।
गूगल, जी मेल, गूगल ड्राइव और यू ट्यूब एक साथ डाउन हो गए। दुनिया भर में तमाम लोगों को करारा झटका लगा। हालांकि कुछ ही देर में वो वापस आ गया लेकिन आशंका तो बड़ी हो गई। कहीं ऐसा फिर हुआ तो? कहीं यह आउटेज या डिजिटल अंधकार लंबा चलता रहे तो?
किसानों के भारत बंद को चौबीस राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों और छात्र संगठनों का भी समर्थन।कहीं सरकार के साथ तो कहीं सरकार के बिना। देश भर में दिखा बंद का असर। लेकिन अब क्या है आगे का रास्ता? सरकार बात कर रही है। लेकिन क्या बात मानेगी भी?
लव जिहाद को रोकने के नाम पर क्या चल रहा है? पहले पुलिस ने लखनऊ में एक शादी रुकवाई और अब मुरादाबाद में एक ऐसे युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसने पांच महीने पहले एक हिंदू लड़की से शादी की थी। आलोक जोशी के साथ चर्चा में विक्रम सिंह, सुनीता ऐरन, ताहिरा हसन
रिजर्व बैंक के एक समूह ने राय दी है कि देश के बड़े उद्योग घरानों को बैंकिंग लाइसेंस दिए जा सकते हैं। जानकार इस प्रस्ताव पर सवाल उठा रहे हैं इसपर हैरानी नहीं होनी चाहिए। हैरानी की बात तो यही है कि इस वक्त ऐसा प्रस्ताव आया क्यों?
भारत के बैंकिंग क़ारोबार में बड़ी खलबली की तैयारी है। रिज़र्व बैंक के एक समूह ने राय दी है कि देश के बड़े उद्योग घरानों को बैंकिंग लाइसेंस दिए जा सकते हैं। जानिए क्यों रघुराम राजन और विरल आचार्य ने की आलोचना...
दीवाली पर पटाखे फोड़ना शास्त्रों में लिखा है क्या? यह सवाल पूछना आईपीएस अफसर डी रूपा को भारी पड़ गया? या उनपर सवाल उठाना ट्विटर हैंडल TrueIndology को? क्यों खड़ा हुआ है डी रूपा पर विवाद? आलोक अड्डा में हर्षवर्धन त्रिपाठी, शीतल पी सिंह और आशुतोष के साथ आलोक जोशी की चर्चा।
बिहार चुनाव में इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल बताता है कि महागठबंधन बड़ी जीत हासिल कर सकता है जबकि मोदी के पूरा जोर लगाने के बाद भी एनडीए पस्त हो गया है।
प्रचार के आखिरी दिन नीतीश ने इस चुनाव को अपना ‘अंतिम चुनाव’ बताया है। बरसों का सियासी अनुभव रखने वाले नीतीश ने ऐसा क्यों कहा, इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बिहार के चुनाव में 10 लाख नौकरियों का नाम क्या आया, राजनीति का रंग बदल गया। पहले तो जमकर हीला हवाली हुई, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों ने दलील दी कि राज्य सरकार के पास इतने लोगों को वेतन देने का भी पैसा नहीं है।