पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति व जनजाति को प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने के कर्नाटक सरकार के फ़ैसले को हरी झंडी दे दी है। देखिए, कोर्ट के फ़ैसले पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष की प्रोफ़ेसर विवेक कुमार के साथ चर्चा।
पाँच चरण का मतदान पूरा हो चुका है और अब दो चरण बाक़ी है। क्या मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री? देखिये वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ, रवि आंबेकर और आशुतोष की चर्चा।
अब क्यों नहीं कहते मोदी जी, अच्छे दिन आयेंगे? क्या इसलीये कि रोज़गार, अर्थव्यवस्था और कृषि की हालत ख़राब है? देखिये क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।
यौन उत्पीड़न के मामले में जाँच कमेटी के रवैये से क्या सुप्रीम कोर्ट का सम्मान बचा? क्या मुख्य न्यायाधीश के आचरण को लेकर संदेह के बादल छंटे और क्या उस महिला के साथ न्याय हुआ?
इस बार प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास डिगा हुआ है और वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं जो विश्वास की भाषा नहीं है। यह भाषा निराशा की भाषा है। एक हताश नेता की भाषा है।
चार चरणों की वोटिंग हो गयी। अब पाँचवाँ, छठा और सातवाँ चरण तय करेगा कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं। देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
तेज बहादुर यादव ने आरोप लगाया है कि चुनाव से नामाँकन वापस लेने के लिए उन्हें 50 करोड़ का लालच दिया गया था। क्या है पूरा मामला, देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
तीन चरण के मतदान हो गये हैं। मोदी ने पहले बालाकोट के बहाने ‘राष्ट्रवाद’ और फिर साध्वी प्रज्ञा के बहाने ‘हिंदू आतंकवाद बनाम मुसलिम आतंकवाद’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश की। ये नहीं चले तो मोदी अब हिंदुत्व के एजेंडे पर आ गये हैं।
तीन चरण के मतदान हो गये हैं। मोदी ने पहले बालाकोट के बहाने ‘राष्ट्रवाद’ और फिर साध्वी प्रज्ञा के बहाने ‘हिंदू आतंकवाद बनाम मुसलिम आतंकवाद’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश की। ये नहीं चले तो मोदी अब हिंदुत्व के एजेंडे पर आ गये हैं।