पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
कर्नाटक का संकट ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्यपाल भी बयान देकर झमेले में पड़ गये हैं। तो क्या राज्यपाल सरकार को भंग कर सकते हैं? क्या स्पीकर संवैधानिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा सरकार का भविष्य।
‘आर्टिकल 15’ वर्तमान भारत को न केवल झकझोरती है बल्कि उसके सामने एक ऐसा नंगा सच सामने लाकर खड़ा कर देती है जिससे सिर्फ़ आँखें ही चुराया जा सकता है। लेकिन इस फ़िल्म का संदेश क्या है? क्या ऊँची जाति ही दिला सकती है दलितों को इंसाफ़?
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के क्या हैं मायने? कोर्ट का यह फ़ैसला यह गठबंधन के पक्ष में है या बीजेपी के पक्ष में? इससे सरकार बचेगी या जाएगी? यह फ़ैसला कितना सही है? देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा इसका असर।
भारत में पश्चिमी शिक्षा की नींव रखने का श्रेय लॉर्ड मैकाले को जाता है। इस शिक्षा के कारण ही भारत में पुनर्जागरण हुआ और उसका ही नतीजा था कि भारत में अंग्रेज़ी दासता से मुक्त होने की सुगबुगाहट शुरू हुई।
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों के इस्तीफ़ा देने के कारण राजनीतिक संकट बना हुआ है। लेकिन क्या दल-बदल क़ानून से कर्नाटक में सरकार बनाने के बीजेपी के मंसूबों पर पानी फिर जाएगा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और रक्षा विशेषज्ञ राकेश कुमार सिन्हा की बातचीत।
उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग ने योगी आदित्यनाथ सरकार को मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विशेष क़ानून बनाने की सलाह दी है। लेकिन पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इस क़ानून के मसौदे से डरे हुए हैं। जानिए, इस मुद्दे पर क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में हाल ही में अनुच्छेद 370 को हटाने की फिर से बात की है। इससे सवाल उठता है कि क्या इसे हटाया भी जा सकता है या नहीं? देखिए इस पर क्या है क़ानूनी स्थिति, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और राकेश कुमार सिन्हा की चर्चा में।
धार्मिक स्थल पर क्यों तोड़फ़ोड़ की गई। झगड़ा दो लोगों के बीच तो धार्मिक स्थल को निशाना क्यों बनाया? ह्वाट्सअप पर आस मुहम्मद की मौत की ख़बर किसने फैलाई? क्या दिल्ली में दंगा कराने की साज़िश थी? देखिए आशुतोष की बात में पूरी घटना का विश्लेषण।
राहुल गाँधी ने कहा है कि वह अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं। उन्होंने क्यों दिया इस्तीफ़ा और क्यों लिखी एक लंबी-चौड़ी चिट्ठी? अब कांग्रेस की क्या होगी स्थिति, क्या वह बिखर जाएगी, देखिए आशुतोष का विशलेषण।
2019 के लोकसभा चुनाव की विश्वसनीयता पर रिटायर्ड और वरिष्ठ नौकरशाहों ने गंभीर सवाल खड़े क्यों किए? चुनाव आयोग को 30 साल में सबसे ज़्यादा पक्षपाती क्यों बताया। क्या चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा? देखिए आशुतोष की बात में अफ़सरों ने क्यों लिखी चिट्ठी।
क्या अमेरिका के राष्ट्रपति को यह हक़ है वह यह तय करे कि भारत किससे तेल खरीदेगा, या किस कंपनी को अपने यहाँ 5 जी नेटवर्क के लिए काम करने की अनुमति देगा या किससे रक्षा उपकरण ख़रीदेगा?
जी-20 की बैठक से पहले ट्रंप ने ट्वीट किया कि जो भारत कर रहा है वह अस्वीकार्य है, लेकिन जब बैठक में पहुँचे तो मोदी से गले मिले और तारीफ़ की। यदि मोदी दोस्त हैं तो ट्रंप भारत पर डंडा क्यों चलाते रहते हैं?
जम्मू कश्मीर पर सरकार की नीति बदल रही है क्या? क्या मोदी सरकार ‘देशद्रोही’ हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के नेताओं से बात करेगी? क्या सरकार ने हुर्रियत के नेताओं को देशद्रोही मानना बंद कर दिया या वह उन्हें देशभक्त मानने लगी है?
उत्तर प्रदेश सरकार एक ऐसा क़ानून बनाने की सोच रही है जिसमें किसी भी निजी विश्वविद्यालय में अगर कोई ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधि’ होती पाई गई तो ऐसे विवि की मान्यता रद्द हो सकती है। इसका क्या है मक़सद?
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिल्ली में आम आदमी पार्टी ख़त्म हो जायेगी? लेकिन एक सर्वे में वह बात निकलकर आई है जो चौंकाने वाली है।
नतीजों को देखकर लगता है कि बीजेपी को हटाने का दम विपक्ष में नहीं है। विपक्ष को ख़ुद को बदलने की ज़रूरत है। और अगर वे नहीं बदलते हैं तो फिर उनके लिए हालात बहुत मुश्किल होंगे।
अगर आर्थिक मोर्चे पर सरकार के नाकाम रहने के बाद भी चुनाव नतीजे एग्ज़िट पोल के मुताबिक़ आते हैं तो समझना चाहिए कि देश नरेंद्र मोदी नाम के एक जादूगर के इशारे पर नाचता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 साल में पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस की लेकिन उसमें भी उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसे लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष क्या पूछते सवाल।