सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ में हिंदुत्व की तुलना आईएस और बोको हरम से करने के बाद राजनीतिक गलियारों में हिंदुत्व व हिंदू धर्म को लेकर बहस शुरू हो गई है।
बीजेपी के उग्र हिंदुत्व की राजनीति के आगे प्रियंका गांधी की राजनीति क्या टिक पाएगी? महिलाओं का मुद्दा बनाकर क्या प्रियंका कांग्रेस को यूपी की राजनीति में वापस ला पाएँगी?
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव खेल दिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 40 फ़ीसदी टिकट महिलाओं को देगी।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल तो हो गए, पर वे क्या जेएनयू के सवालों को वहां उठाते रहेंगे या वे सवाल अब हाशिए पर चले जाएंगे?
जाति जनगणना से बीजेपी क्यों भाग रही है? विपक्षी दलों ने इसको मुद्दा बना लिया है। नरेंद्र मोदी सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे का आगामी चुनावों पर क्या असर होगा?
आज़ादी के बाद हिंदी कितनी तरक्की कर पाई? प्रतिवर्ष 14 सितंबर को सरकारी दफ्तरों, निकायों और महकमों में हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। क्या सरकारी कामकाज में हिंदी का इस्तेमाल बढ़ा?
कांग्रेस द्वारा पंजाब में एक दलित को मुख्यमंत्री बनाये जाने का क्या संदेश है? क्या यह बीजेपी के हिंदुत्व का जवाब है और क्या इससे देश की राजनीति बदलने वाली है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा है कि मुसलमान भारत में आक्रमणकारी बन कर आए थे, जबकि सच यह है कि वे यहां सबसे पहले व्यापारी बन कर आए थे।
मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में किसान आंदोलन का जो रूप दिखाई दिया है वह क्या हिंदुत्ववादियों द्वारा बहुसंख्यक हिंदुओं की आँखों पर चढ़ाया गया हिंदुत्व के चश्मे को उतार फेंकेगा?
मुज़फ़्फ़रनगर किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने अपने भाषण में 'अल्लाहू अकबर' का नारा लगाया और सामने की भीड़ ने 'हर हर महादेव' का जयघोष किया। उनके इस भाषण को सरकार समर्थित मीडिया सांप्रदायिक बताने के प्रयास में क्यों है?
एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में 42 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है वहीं योगी आदित्यनाथ और अमित शाह की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के संघर्ष से लगभग बाहर दिख रही बसपा अचानक बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरी है। ऐसा कैसे हो गया वह भी तब जब हाल में मोदी और योगी के बीच कुछ खटपट होने की ख़बरें आई हैं?
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अगर बंगाल चुनाव क्वार्टर फाइनल था तो यूपी चुनाव सेमीफाइनल है। बंगाल की हार के बाद बीजेपी जाहिर तौर पर यूपी को किसी भी कीमत पर जीतना चाहेगी।
यूपी विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 6 माह का वक़्त बाक़ी है। सामाजिक न्याय की राजनीति करने वाले सपा और बसपा जैसे दल इन दिनों ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। क्या इससे उन्हें फ़ायदा होगा?
यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। हालाँकि, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का यहाँ कोई विशेष जनाधार नहीं है।
बीजेपी और आरएसएस के लिए यूपी चुनाव ज़्यादा बड़ा मसला है। बीजेपी और संघ यूपी को किसी भी क़ीमत पर नहीं गँवाना चाहते। दक्षिणपंथी राजनीति के लिए यूपी का चुनाव कई लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली स्पेशल बेंच ने मोदी सरकार को फटकारते हुए वैक्सीन नीति का पूरा हिसाब किताब देने का आदेश दिया था। इसका ही नतीजा है कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया।
आज के हिंदुस्तान का मुसलमान धर्मांध, कट्टर, सांप्रदायिक, देशद्रोही और यहाँ तक कि आतंकवादी तक क़रार दिया जाता है। उन्हें क्यों नहीं दिखते कोरोना बदहाली के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर पहुँचाते हुए मुसलमान।
पिछले 4 साल से एक-दूसरे को शह देते आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'युद्ध का मैदान' अब यूपी विधानसभा चुनाव बनने जा रहा है। क्या उनका जादू चलेगा?
राम जन्मभूमि आंदोलन और हिंदुत्व की पहली प्रयोगशाला यूपी में बीजेपी को हार का डर क्यों सता रहा है? पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में विपक्षियों का सूपड़ा साफ करने वाली बीजेपी इतनी बेचैन क्यों है?