जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में 18 जुलाई को जिस विवादास्पद मुठभेड़ में तीन युवकों को मार डाला गया था उसकी पूरी कहानी अब साफ़ हो गई है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि सेना के एक अफ़सर ने दो नागरिकों के साथ मुठभेड़ की साज़िश रची थी।
कश्मीर में जिन तत्वों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का पूरी तरह से विरोध किया था, और कर रहे हैं, आज वही तत्व घाटी में भारी मत से जीत कर आये हैं। कश्मीर घाटी के दस ज़िलों में से नौ में गुपकार गठबंधन का क़ब्ज़ा होगा।
एक साल से ज़्यादा समय तक हिरासत में रहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि उन्हें 'फिर से अवैध हिरासत' में लिया गया है। महबूबा ने कहा है कि उनकी बेटी इल्तिजा को घर में नज़रबंद कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव के बीच ही रोशनी घोटाले का शोर खड़ा हो गया है। ख़बरों के मुताबिक़, इस घोटाले में नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी और कांग्रेस के नेताओं का नाम सामने आ रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह जिन्हें 'गुपकार गैंग' कहते हैं और आरोप लगाते हैं कि ये लोग जम्मू-कश्मीर में विदेशी हस्तक्षेप चाहते हैं और तिरंगे का अपमान करते हैं, उन्हीं लोगों के साथ मिल कर वे ज़िला विकास परिषद का चुनाव भी लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
डीडीसी चुनाव के लिए घाटी में नामाँकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को तुरंत ही पुलिस की निगरानी में ले जाया जा रहा है और वहीं रखा जा रहा है। आरोप है कि उन्हें वहाँ से निकलने नहीं दिया जा रहा है।
सुरक्षा बलों ने रविवार को घुसपैठ की कोशिश रोकने के तहत कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास बड़ी कार्रवाई की, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए और एक सैनिक शहीद हो गया।
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पास एक मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर सैफुल्लाह को मार गिराया है। राज्य पुलिस ने कहा है कि यह उनकी बड़ी कामयाबी है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। इससे राज्यपाल के प्रशासन पर तो सवाल उठता ही है, यह प्रश्न भी उठता है कि बीजेपी आतंकवादियों के निशाने पर क्यों हैं।
क्या जम्मू-कश्मीर पर सऊदी अरब की नीति बदल गई है? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सऊदी शहजादे से दोस्ती के बावजूद रियाद कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की ओर मुड़ रहा है?
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फ़र-उल-इसलाम ख़ान और 6 अलाभकारी संस्थाओं के 9 ठिकानों पर राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी के छापे से कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।