2019 का लोकसभा चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा। चुनाव का सबसे प्रमुख मुद्दा मोदी सरकार की नाक़ामिया हैं। विपक्ष को मोदी सरकार की नाकामियों को जनता के सामने लाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 11 लाख आदिवासी परिवारों को जंगलों से निकाल कर बाहर कर दिया जाए। कोर्ट के इस आदेश से ये आदिवासी परिवार बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं।
जब कथित राष्ट्रवादी ताक़तें विश्व कप में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने के ख़िलाफ़ हैं, सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारत को पड़ोसी देश से क्रिकट खेलना चाहिए।
‘गली बॉय’ व्यवस्था को सीधी चुनौती नहीं देती, लेकिन बिना कुछ कहे भी कह जाती है कि ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का नारा देने वाले नेता लोगों की जिंदगी नहीं बदल सकते।
भविष्य में जम्मू-कश्मीर में अफ़ग़ान मोर्चे से लौटे पाक आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ेगी और वे पुलवामा में सीआरपीएफ़ जवानों पर हुए हमले जैसी और घटनाओं को अंजाम देंगे।
जैश-ए-मुहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फ़िदायीन हमले की ज़िम्मेदारी ली है। इसका संस्थापक और प्रमुख मसूद अज़हर है। वही मसूद अज़हर जिसे अटल बिहारी वाजयेपी की सरकार को छोड़ना पड़ा था।
नेता जी के यह बयान देने के बाद कि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें, राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर जोरदार चर्चा हो रही है कि आख़िर उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
केंद्र की नीयत साफ़ होती तो वह अध्यादेश लाती कि टीचिंग व नॉन-टीचिंग स्टाफ़ की भर्ती में 49.5 प्रतिशत आरक्षण लागू हो, लेकिन इसके बजाए वह सिर्फ़ बहाने बना रही है।