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असम: मुसलिमों की तरह हिंदू अभियुक्तों के भी नाम लिखेंगे हिमंत?

संविधान और क़ानून का पालन कराने की जिम्मेदारी जिन पर है, उन्हें किसी भी अपराधी को उसके मज़हब और जाति से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि अपराधी सिर्फ़ अपराधी है। लेकिन असम के नए-नवेले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक अपराध में शामिल अभियुक्तों के नामों को ट्विटर पर लिखा है। ये सभी अभियुक्त मुसलमान हैं। 

सवाल सिर्फ़ यह है कि कई अपराधों में हिंदू समुदाय के भी लोग पुलिस की पकड़ में आते हैं, तब भी क्या हिमंत उनके नाम इसी तरह ट्विटर पर लिखेंगे?

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क्या है मामला?

हुआ ये कि असम के होजोई में स्थित उदाली मॉडल अस्पताल में मंगलवार सुबह कुछ लोगों ने एक डॉक्टर की बेरहमी से पिटाई कर दी। ये लोग इस बात से ग़ुस्से में थे कि उनके एक परिचित का यहां इलाज चल रहा था और उसकी मौत हो गई थी। बताया गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसा हुआ। 

पिटाई करने की इस घटना का वीडियो किसी शख़्स ने बना लिया और इसे वायरल कर दिया। घायल डॉक्टर का नाम सेजु कुमार सेनापति है और उनकी हालत अभी ठीक है। 

डॉक्टर सेनापति का कहना है कि मरीज के तीमारदार उनके पास आए और बताया कि मरीज की हालत गंभीर है और सुबह से उन्हें पेशाब नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा, “मैं उन्हें देखने रूम में गया तो उनकी मौत हो चुकी थी। मैंने यह बात तीमारदारों को बताई तो उन्होंने मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं और इसके बाद भीड़ ने अस्पताल पर हमला कर दिया।” डॉक्टर ने कहा कि कई मेडिकल अफ़सरों को जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। 

24 अभियुक्त गिरफ़्तार

डॉक्टर सेनापति के मुताबिक़, उन्होंने ख़ुद को एक कमरे में बंद कर लिया था लेकिन भीड़ ने दरवाज़ा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला और बुरी तरह पीटा और अस्पताल में भी तोड़फोड़ की और साथ ही लूटपाट भी। 

निश्चित रूप से यह आपराधिक करतूत है और क़ानून व्यवस्था को हाथ में लेने का मामला भी। पुलिस ने अब तक इसमें शामिल 24 अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है और क़ानून के मुताबिक़ उन पर सख़्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। 

Assault on doctor in Udali Model Hospital assam  - Satya Hindi

स्पेशल डीजीपी ने भी लिखे नाम

लेकिन संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री जैसे अहम ओहदे पर बैठे किसी शख़्स ने आज तक किसी घटना के अभियुक्तों के नाम इस तरह सार्वजनिक रूप से नहीं लिखे हैं, जैसे सरमा ने किया है। केवल सरमा ही नहीं राज्य के विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने भी इन अभियुक्तों के नामों को ट्विटर पर लिखा है। 

अपराधी को सिर्फ़ अपराधी की नज़र से ही देखा जाना चाहिए वरना ऐसे ट्वीट को सिर्फ़ एक समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की मंशा से किया गया काम ही माना जाएगा। 

ऐसा ज़रूर होता है कि अभियुक्तों के नामों का उल्लेख पुलिस अपने ट्विटर हैंडल से करती है, प्रेस कॉन्फ्रेन्स में बताती है, एफ़आईआर में दर्ज करती है लेकिन राज्य का मुख्यमंत्री इस तरह अभियुक्तों के नाम लिखे और वो भी सारे लोग मुसलमान हों तो तब इसके पीछे निश्चित रूप से मंशा कुछ और ही हो सकती है। 

Assault on doctor in Udali Model Hospital assam  - Satya Hindi

दक्षिणपंथी हुए ख़ुश 

कई दक्षिणपंथियों ने सरमा के इस ट्वीट पर ख़ुशी का इज़हार किया है और कहा है कि उनकी मोहब्बत योगी और सरमा के बीच बंट रही है। इससे साफ होता है कि ये लोग इन अभियुक्तों के मुसलमान होने और उनके नामों को सार्वजनिक रूप से लिखने पर बेहद ख़ुश हैं। सरमा के इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को ख़ूब वायरल कर रहे हैं। 

दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थक सरमा को योगी आदित्यनाथ का अपडेटेड वर्जन बताते हैं और उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं। ये लोग कहते हैं कि ये दोनों बीजेपी के बाक़ी मुख्यमंत्रियों से पूरी तरह अलग हैं।

बात फिर वही है कि ऐसा करने की क्या ज़रूरत थी, पुलिस अपना काम कर रही है और उसने कहा है कि वह इस मामले में जल्द ही कड़ी चार्जशीट पेश करेगी और अपराधियों के साथ कठोर सलूक करेगी। 

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हिमंत बिस्व सरमा को मुसलमानों के ख़िलाफ़ विवादित बयान देने के लिए जाना जाता है। जीवन में लंबे वक़्त तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले सरमा कुछ साल पहले ही बीजेपी में आए थे। हिमंत एआईयूडीएफ़ के अध्यक्ष बदरूद्दीन अज़मल को जिन्ना बता चुके हैं। 

मुसलिम आबादी सबसे ज़्यादा

असम में क़रीब 34 फ़ीसदी है, जो भारत के किसी भी राज्य से ज़्यादा है। विधानसभा चुनाव से पहले और उस दौरान भी बीजेपी के नेताओं का प्रचार हिंदू मतों के ध्रुवीकरण वाला रहा और चुनाव में उसे इसका फ़ायदा भी मिला।  

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क़मर वहीद नक़वी

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