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सांकेतिक तसवीर। फ़ोटो साभार: फ़ेसबुक/बॉब इवांस सॉक्मी

असम: हिंदुओं के चर्च जाने पर दी थी धमकी, जाँच शुरू

असम में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही संघ परिवार और बीजेपी की तरफ़ से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का अभियान तेज़ हो गया है। 'लव जिहाद' पर क़ानून का मसौदा तैयार करने की बात हो, चिड़ियाखाना में बाघ को बीफ परोसने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो, मदरसों पर तालाबंदी का निर्णय हो या एआईयूडीएफ़ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के ख़िलाफ़ विदेशी फंडिंग का आरोप हो, संघ परिवार की तरफ़ से धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए तमाम हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। अब तक उनके निशाने पर मुसलिम ही रहे हैं। लेकिन बजरंग दल ने इस बार ईसाइयों को भी निशाना बनाया है।

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असम में कछार ज़िला प्रशासन ने पुलिस से बजरंग दल के एक नेता द्वारा कथित तौर पर क्रिसमस के मौक़े पर चर्चों में जाने वाले हिंदुओं को पीटने की धमकी देने वाले भड़काऊ भाषण की जाँच करने को कहा है।

बजरंग दल कछार ज़िला इकाई के महासचिव मिथुन नाथ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जहाँ उन्हें यह कहते हुए सुना गया था कि यदि क्रिसमस के दिन हिंदू लोग चर्च में आते हैं, तो ‘उन्हें बेरहमी से पीटा जाएगा’।

इस वायरल वीडियो पर ध्यान देते हुए रविवार को कछार के उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले की जाँच करने और आवश्यक क़दम उठाने का निर्देश दिया है। पुलिस ने कहा कि फ़िलहाल कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और घटना की जाँच की जा रही है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा, ‘हमें किसी से कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि हम वीडियो देखने के बाद मामले की जाँच कर रहे हैं।’

3 दिसंबर को शिलांग में विवेकानंद केंद्र (रामकृष्ण मिशन का हिस्सा) को कथित रूप से बंद किए जाने को लेकर उत्तेजित मिथुन नाथ ने कहा कि चर्चों में हिंदुओं को क्रिसमस के दिन समारोह में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मिथुन नाथ ने कहा, ‘वे शिलांग में मंदिरों को बंद कर रहे हैं और हम उनके चर्चों में जा रहे हैं और उनके साथ जश्न मना रहे हैं। ऐसा नहीं हो सकता है और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। कोई भी हिंदू इस बार क्रिसमस पर चर्च नहीं जाएगा। यदि कोई हिंदू चर्च जाएगा तो बजरंग दल जवाब देगा।” मिथुन नाथ ने ऐसा उस कार्यक्रम में कहा जिसमें बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी भी उपस्थित थे।

वह मेघालय की राजधानी शिलांग में खासी छात्र संघ (केएसयू) द्वारा रामकृष्ण मिशन के एक हिस्से, विवेकानंद केंद्र के कथित तौर पर बंद किए जाने का ज़िक्र कर रहे थे। मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी इस घटना के बारे में ट्वीट किया था।

मिथुन नाथ को यह कहते हुए भी सुना गया:

मीडिया हमें गुंडा गिरोह कहता है। अगर हमारी हिंदू लड़कियों को छुआ और परेशान किया जाएगा तो हम गुंडा बन जाएँगे और हमें इस पर गर्व है।


मिथुन नाथ, बजरंग दल नेता

जब इस बयान की चर्चा मीडिया में हुई तब मिथुन नाथ ने रविवार को अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका संगठन लोगों को समझाने के लिए ‘जागरूकता पहल’ शुरू कर सकता है।

उन्होंने कहा, 'हम उन्हें पीटेंगे नहीं, लेकिन रोकेंगे ज़रूर। रोकने के कई तरीक़े हैं। हम उनसे बात कर सकते हैं या जागरूकता की पहल शुरू कर सकते हैं।’

नाथ ने हालाँकि जोर देकर कहा कि वह अपने बयान पर पीछे नहीं हटे हैं और उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ऐसा केवल इसलिए कहा था क्योंकि वह चाहते थे कि हिंदू ‘आत्मसम्मान बनाए रखें’।

उन्होंने कहा, ‘मैं ईसाइयों या क्रिसमस के ख़िलाफ़ नहीं हूँ। मैंने बस अपने धर्म के लोगों को कुछ स्वाभिमान बनाए रखने के लिए कहा था।’

20 वर्षों से बजरंग दल से जुड़े रहे 39 वर्षीय नाथ ने कहा, ‘मुझे अपनी गिरफ्तारी का डर नहीं है। मेरा विवेक स्पष्ट है। हम, हिंदुओं ने मंदिर बनाने के लिए मस्जिद या चर्च को कभी नहीं तोड़ा है। हम हर त्योहार का आनंद लेते हैं - ईद हो या क्रिसमस।’ 

नाथ ने यह भी कहा कि बराक घाटी में हिंदुओं ने हमेशा सभी धार्मिक त्योहार एक साथ मनाए हैं। नाथ ने कहा, ‘पिछले तीन महीनों से हमारे हिंदू भाइयों और असम के ग़ैर-आदिवासियों को मेघालय में गुंडों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। दुकानें बंद की गई हैं, उन्होंने हमारे मंदिर बंद कर दिए हैं। मेरे पास सभी सबूत हैं। यहाँ कछार में मिज़ो लोगों ने असम की भूमि को छीन लिया है। क्या हम यह सब सहन करने के लिए पैदा हुए हैं?’

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दिनकर कुमार

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