बिहार बड़ी तेज़ी के साथ कोरोना का नया केंद्र बन कर उभर रहा है। प्रवासी मज़दूर जैसे जैसे बिहार वापस आते जा रहे हैं वैसे वैसे कोरोना मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। राज्य में कोरोना के जितने मामले हैं, उनमें से आधे बीते हफ़्ते भर में ही सामने आए हैं।
ट्रबल स्पॉट बन रहा है बिहार!
शुक्रवार को 195 नए मामले आने के साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद बढ़ कर 2,177 हो गई। बिहार में इस महीने की शुरुआत में कोरोना संक्रमण के 450 से कम मामले थे। यह सिलसिला 4 मई के बाद से शुरू हुआ। 4 मई को ही लाकडाउन में छूट मिली थी और उसके बाद मजदूरों का बिहार लौटना शुरू हुआ ।
मई के पहले हफ्ते में बिहार में संक्रमण की रफ्तार 3.75 थी और संक्रमितों की संख्या 19 दिन में दूनी हो रही थी। जबकि दो हफ्ते बाद यानी इस समय सात दिनों की औसत वृद्धि दर 10.32 प्रतिशत है और मामले 7 दिनों से कम समय में दूने हो रहे हैं। यह आँकड़ा राष्ट्रीय आंकडे से ज़्यादा है। देश में कोरोना प्रभावित लोगों की संख्या 13.45 दिनों में दूनी हो रही है।
कैसे बढ़े नए मामले?
गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर भी मामलों में यकायक तेज़ बढ़ोतरी हुई। पहली बार एक दिन में 6 हज़ार नए मामले सामने आए। पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की तादाद 1.16 लाख हो चुकी है। महाराष्ट्र में बीते 5 दिनों से रोज़ाना 2 हज़ार मामले सामने आ रहे थे, गुरुवार को वहाँ 2,345 मामले सामने आए। इसके साथ ही महाराष्ट्र में कोरोना प्रभावितों की संख्या 41,642 हो गई। इसमें से 11,700 लोग ठीक हो चुके हैं। तमिलनाडु में गुरुवार को 776 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही वहाँ संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 13,191 हो गई।
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