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बिहार :  एनडीए में घमासान, पासवान की पार्टी को बीजेपी की चुनौती

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार में एनडीए घटक दलों में कलह खुल कर सामने आ गई है। भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी में तनातनी इस तरह बढ़ गई है कि बीजेपी ने एलजेपी को खुले आम कह दिया है कि उसके बिना सरकार पहले भी बन चुकी है और इस बार भी बन सकती है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बीते दिनों कहा कि कोरोना महामारी के दौर में विधानसभा चुनाव कराना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
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क्या कहा था चिराग पासवान ने?

चिराग पासवान ने कहा था, 'कोरोना के प्रकोप से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है। कोरोना के कारण आम आदमी के साथ साथ केंद्र व बिहार सरकार का आर्थिक  बजट भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में चुनाव से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।'
इस पर बिहार बीजेपी के नेता संजय पासवान ने कहा कि उनका बयान बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा, 

चिराग पासवान या जो भी नेता चुनाव टालने की माँग कर रहे हैं, क्या उन्हें लोकतंत्र और चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं रह गया है? चुनाव आयोग ने जब फ़ैसला लिया तो उसे मानना ही पड़ेगा।


संजय पासवान, नेता, बिहार बीजेपी

चिराग के कहने का मतलब?

चिराग पासवान के बयान को अपरोक्ष रूप से राजद का समर्थन माना जा रहा है, इससे बिहार में एक नए समीकरण की राह भी दिख रही है। इससे बीजेपी चिढ़ी हुई है। संजय पासवान के बयान को इससे जोड़ कर देखना चाहिए। 
संजय पासवान ने यह भी कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के बग़ैर भी एनडीए बिहार में सरकार बना सकती है। उन्होंने कहा कि 

बीजेपी और जनता दल युनाइटेड ने एलजेपी के बिना अतीत में सरकार बनाई है और इस बार भी बना सकती है।


संजय पासवान, नेता, बिहार बीजेपी

राजद को समर्थन?

चिराग पासवान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया इसलिए हो रही है कि इसके पहले मुख्य विपक्ष राष्ट्रीय जनता दल ने भी यह माँग की थी कि कोरोना को देखते हुए चुनाव फिलहाल टाल दिए जाएं। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने यह माँग की थी।
दरअसल सारी लड़ाई सीटों के बँटवारे को लेकर है। लोक जनशक्ति पार्टी ने विधानसभा की कुल 243 में 94 सीटे मांगी हैं। इतनी सीटें देने बीजेपी के लिए मुश्किल है क्योंकि इस बार एनडीए में जीतन राम माझी की पार्टी भी शामिल होने जा रही है, उसे भी सीटें देनी होंगी।
संजय पासवान का हमला लोक जनशक्ति पार्टी को यह संकेत देने के लिए है कि बीजेपी उसके दबाव में नहीं आएगी। 
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क़मर वहीद नक़वी

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