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नीतीश कैबिनेट का हुआ विस्तार, शाहनवाज़ ने ली मंत्री पद की शपथ

बिहार में मंगलवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने मंत्री पद की शपथ ली है। शाहनवाज़ हुसैन को उद्योग मंत्रालय दिया गया है। शाहनवाज़ कुछ दिन पहले ही निर्विरोध एमएलसी बने थे। 

मंत्रिमंडल विस्तार में 17 नए चेहरों को शपथ दिलाई गई है। इसमें बीजेपी के 9 और जेडीयू के 8 नेता शामिल हैं। बीजेपी की ओर से शाहनवाज़ हुसैन के अलावा, नितिन नवीन, प्रमोद कुमार, नीरज कुमार बबलू, सम्राट चौधरी, सुभाष सिंह को मंत्री बनाया गया है। नीरज कुमार बबलू दिवंगत फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई हैं। जेडीयू की ओर से श्रवण कुमार, मदन सहनी, लेसी सिंह, संजय झा को मंत्री बनाया गया है। 

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में संवैधानिक नियमों के मुताबिक़ 36 मंत्री हो सकते हैं। 16 नवंबर को हुए पहले शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के 7, जेडीयू के 5, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के 1-1 विधायक को मंत्री बनाया गया था। 

बीते साल नवंबर में बिहार में बीजेपी-जेडीयू की सरकार बनने के बाद से ही नीतीश कैबिनेट के विस्तार को लेकर सवाल पूछे जा रहे थे। कहा जा रहा था कि नीतीश बीजेपी के दबाव में हैं और वह कैबिनेट विस्तार को लेकर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। 

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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जेडीयू का प्रदर्शन बीजेपी के मुक़ाबले बेहद ख़राब रहा था। बीजेपी को 74 जबकि जेडीयू को 43 सीटें मिली थीं। 
nitish kumar cabinet expansion today - Satya Hindi

जनवरी में नीतीश कुमार ने जब यह कहा था कि उनके कार्यकाल में कभी मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देर नहीं हुई और इसके पीछे वजह बीजेपी की ओर से लिस्ट नहीं मिलने की बतायी थी, तो तभी साफ हो गया था कि बीजेपी नीतीश को पिछले मौक़ों की तरह फ्री हैंड नहीं देना चाहती। 

नीतीश कुमार और बीजेपी में खटपट की बात मंत्रिमंडल विस्तार तक सीमित नहीं है बल्कि यह तो उसकी शुरुआत है। विभागों का बंटवारा भी दोनों के बीच असहजता का कारण बना हुआ है।

बिहार के सियासी हालात पर देखिए चर्चा- 

नीतीश के हाथ बांधने की कोशिश

सबसे पहले जब नीतीश कुमार के साथ एनडीए सरकार में लगातार उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी को बीजेपी ने बिहार से हटाया और राज्यसभा सांसद बनाकर उनकी नाराजगी कम करने की कोशिश की तो यह माना गया कि उनकी जोड़ी तोड़कर बीजेपी नीतीश कुमार के लिए स्थिति को असहज कर रही है। 

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नीतीश को बीजेपी की ओर से दो उप मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी स्वीकार करना पड़ा और दोनों के आरएसएस से जबरदस्त लगाव को देखते हुए उनके लिए यह असहज करने वाली बात मानी गयी। इसी तरह उनके पुराने कैबिनेट सहयोगी और बीजेपी नेताओं नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार को मंत्री नहीं बनाया गया तो यह भी नीतीश की पसंद की बात नहीं थी। 

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क़मर वहीद नक़वी

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