loader

पीके ने दिये बिहार के चुनाव में उतरने के संकेत, नीतीश पर बोला हमला

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मगंलवार को संकेत दिये कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में प्रशांत ने कहा कि वह ‘बात बिहार की’ कैंपेन लांच करेंगे। यह कैंपेन 20 फ़रवरी से शुरू होगा और जो लोग बिहार में युवा नेतृत्व को आगे आते देखना चाहते हैं, इसके तहत उन तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। किशोर ने कहा कि कैंपेन का उद्देश्य अगले 100 दिनों में एक करोड़ युवाओं तक पहुंचने का है। 

गाँधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में प्रशांत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रहे। प्रशांत ने नीतीश पर एक के बाद कई सवाल दागे। प्रशांत किशोर ने बिहार की बदहाली का हवाला दिया और कहा कि हम लोग ऐसा नेता चाहते हैं जो समृद्ध बिहार के लिये काम कर सके। प्रशांत ने कहा, ‘मेरे और नीतीश जी के बीच जेडीयू की विचारधारा को लेकर लंबे समय तक चर्चा होती रही है। नीतीश जी हमेशा यह कहते रहे हैं कि पार्टी गाँधी जी के आदर्शों को नहीं छोड़ सकती लेकिन अब पार्टी ऐसे लोगों के साथ हैं जो लोग गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के प्रति नरम हैं। अगर आप बीजेपी के साथ रहना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन गाँधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।’

ताज़ा ख़बरें

विकास पर बहस की दी चुनौती

जेडीयू से निकाले जाने को लेकर प्रशांत ने कहा, ‘नीतीश जी ने जो भी फ़ैसला लिया है, मुझे पार्टी में शामिल कराने का, निकालने का, मैं सभी फ़ैसलों को स्वीकार करता हूं और कोई टीका टिप्पणी नहीं करना चाहता। इस पर उनका एकाधिकार है। मेरे मन में उनके प्रति जो आदर है, वह आज भी है, आगे भी रहेगा।’ प्रशांत ने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वह उनके साथ आंकड़ों को लेकर बहस कर लें। उन्होंने दावा किया कि बिहार में 2005 से लेकर 2015 तक बहुत कम विकास हुआ है। 
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद राजनीतिक गलियारों में प्रशांत का क़द बढ़ा है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने चुनावी रणनीति बनाने के लिये प्रशांत किशोर की मदद ली थी।

कुछ दिन पहले जनता दल यूनाइटेड के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर और वरिष्ठ नेता पवन वर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब प्रशांत स्वतंत्र हैं और इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वह बिहार चुनाव में सियासी दम-ख़म दिखाने के लिये मैदान में उतरेंगे। प्रशांत ने युवाओं के लिये ‘यूथ इन पॉलीटिक्स’ नाम का संगठन बनाया है। इस संगठन के पास बिहार में 2,38,054 सदस्य हैं। यह संगठन युवाओं को राजनीति में भागीदारी देने की बात कहता है। 

उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को जेड प्लस सुरक्षा देने का फ़ैसला किया है। बीजेपी के लोकसभा चुनाव 2019 में बंगाल में बहुत अच्छे प्रदर्शन के बाद से ही ममता बनर्जी अलर्ट हो गयी थीं और उन्होंने तुरंत प्रशांत से संपर्क साधा था। बीजेपी को बंगाल में 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2014 में वह सिर्फ़ 2 सीटों पर जीती थी। प्रशांत बंगाल में ममता बनर्जी के लिये ‘दीदी के बोलो’ कार्यक्रम चला रहे हैं। पिछले साल 29 जुलाई को इसे लांच किया गया था। 

बिहार से और ख़बरें

चुनावी रणनीति बनाती है आई-पैक

प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीति बनाने में माहिर माना जाता है। प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC (इंडियन - पॉलीटिकल एक्शन कमेटी) (आई-पैक) राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने का काम करती है। नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 'वाइब्रैंट गुजरात' से लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिये 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम भी प्रशांत ने ही कराया था। इसके बाद 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर ने अपना लोहा मनवाया और जेडीयू-आरजेडी गठबंधन को जीत दिलाई। आई-पैक ने आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिये भी चुनावी रणनीति बनाई थी और पार्टी को वहां जोरदार जीत मिली थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें