loader

‘लालू के जंगलराज’ पर तेजस्वी ने मांगी माफ़ी, विपक्ष ने किया जोरदार हमला

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली बिहार की मुख्य विरोधी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल पर कई वर्षों से यह आरोप लगता रहा है कि लालू- राबड़ी के 15 साल के शासन में बिहार में नरसंहार, अपराध के राजनीतिकरण, फिरौती के लिए अपहरण जैसी घटनाएं हुईं और इस वजह से बिहार का विकास ठप हो गया था। एक समय हाईकोर्ट तक ने इसे जंगलराज बता दिया था।  

हालाँकि, आरजेडी इन आरोपों से लगातार इंकार करती रही है लेकिन गुरूवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक समारोह के दौरान स्वीकार किया कि उनके माता-पिता के शासन के दौरान कुछ ग़लतियां हुई थीं। तेजस्वी ने इसके लिए जनता से माफ़ी भी मांगी। 

ताज़ा ख़बरें

तेजस्वी ने कहा कि उस दौरान वह बहुत छोटे थे लेकिन, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता कि लालू जी ने सामाजिक न्याय नहीं किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लालू जी ने सामाजिक न्याय किया और वो कोई और दौर था। 

तेजस्वी ने कहा, ‘लेकिन मौजूदा जो सरकार है और जो मुख्यमंत्री हैं वे भी तो 15 साल से हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि वे पलायन रोकेंगे, रोजगार देंगे, किसानों के लिए काम करेंगे और बिहार में चौतरफा विकास होगा।’ 

बिहार से और ख़बरें

तेजस्वी ने कहा कि लालू जी के राज में ग़रीबों, पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान होता था लेकिन आज तो मंत्रियों तक की कोई इज्जत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनता है।                    

'तेजस्वी ने दिखाया साहस' 

तेजस्वी के माफ़ी वाले बयान पर पक्ष-विपक्ष में खासी प्रतिक्रिया हुई है। हालाँकि, आरजेडी के कुछ नेताओं ने उनके बयान का समर्थन किया है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के अनुसार, ‘यह तेजस्वी जी की महानता है कि उन्होंने माफ़ी मांगी। जनता की अदालत में जाने से पहले ऐसा करना उनके साहस को बताता है। पार्टी के 15 साल के शासन काल में कोई भूल-चूक हुई होगी तो जनता ने हमें सबक सिखाया।’ 

तिवारी ने कहा, ‘सवाल यह उठता है कि आपने (नीतीश) और आपकी डबल इंजन की सरकार ने पिछले 15 वर्षों में क्या किया। हमारे ख़िलाफ़ दुष्प्रचार के अलावा कुछ नहीं। यह कहां तक तर्कसंगत है।’ 

लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने फिर यह दुहराया कि आरजेडी के शासन काल में कोई ग़लती नहीं हुई थी, इसलिए माफ़ी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। 

तेजस्वी के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू परिवार के राजनीतिक अपराध क्षम्य नहीं हैं, इसलिए जनता ने इन्हें दंडित किया है।

लालू परिवार पर तंज कसते हुए जनता दल यूनाइटेड के नेता और राज्य के सूचना और प्रसारण मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी के माफ़ी मांगने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आज तक लालू प्रसाद ने अपने कृत्यों के लिए कोई खेद नहीं जताया है। 

जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने लालू प्रसाद यादव से कहा कि आपके शासनकाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) में मरीजों की जगह भैंस और कुत्ते रहते थे और यह आप लोगों को याद होगा।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
नीरज सहाय

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें