loader

नीतीश के इस्तीफ़े की माँग को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

मुज़फ़्फ़रपुर बालिका यौन शोषण मामले की गूंज सोमवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी सुनाई पड़ी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफ़े की माँग को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे और वेल में पहुँच गए। इसका नेतृत्व आरजेडी के विधायक द्वय भाई बिरेन्द्र और ललित यादव कर रहे थे। हंगामा इतना जोरदार था कि विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद विपक्षी दलों के कई सदस्य परिसर में स्थापित कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति के निकट धरने पर बैठ गए। 

सदन के बाहर भी नीतीश के इस्तीफ़े को लेकर नारेबाज़ी की गई। हालाँकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं थे लेकिन इससे हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। चूँकि दो दिन के बाद सदन की कार्रवाई आज शुरू हुई थी इसलिए हंगामा होने के पूरे आसार थे। जब नीतीश कुमार के इस्तीफ़े की माँग को लेकर नारेबाज़ी की जा रही थी तब वह सदन में मौजूद नहीं थे। लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुबह ही ट्वीट कर नीतीश के इस्तीफ़े की माँग की थी। 
  • तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि जब कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में मुख्यमंत्री एवं दो आईएएस अधिकारियों की भूमिका की जाँच का निर्देश दिया है तो नीतीश कुमार को अंतरात्मा की आवाज़ को सुनते हुए तुरंत पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। सीपीआई (एमएल) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी नीतीश कुमार के इस्तीफ़े की पुरजोर माँग की है। 
ज्ञात हो कि 14 फ़रवरी को मुज़फ़्फ़रपुर के स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में इस मामले के एक अभियुक्त अश्विनी कुमार के वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि 2013-18 तक बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ को नियम को ताक पर रख कर सरकारी अनुदान दिया जाता रहा। 
याचिका में यह भी कहा गया कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा होना संभव ही नहीं है। याचिका के मुताबिक़, मामले में लीपापोती भी की जा रही है और इस मामले में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। 
याचिकाकर्ता के मुताबिक़, इस मामले के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर के संबंध कई राजनीतिक व्यक्तियों तथा नौकरशाहों से रहे हैं। अतः उनकी भूमिका की जाँच की जाए। प्रतिवेदन में लगाए गए आरोप की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के जज मनोज कुमार ने याचिका को सीबीआई के एसपी को फ़ॉरवर्ड कर दिया। हालाँकि मीडिया के एक वर्ग ने लोगों को भ्रमित करने का असफल प्रयास जरूर किया। 

सुप्रीम कोर्ट कर रहा जाँच की मॉनिटरिंग

बता दें कि बालिका गृह यौन शोषण मामले की जाँच की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले से संबंधित सभी फ़ाइल को दिल्ली भेजने एवं 6 माह में ट्रायल समाप्त करने का निर्देश दिया है। मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटियाला जेल स्थान्तरित किया जा चुका है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
रमाशंकर

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें