त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी इस बात पर भरोसा नहीं करती कि इन नारों को देशभक्ति या राष्ट्रीयता का प्रतीक माना जाए।
बता दें कि 2013 में बीजेपी-जेडीयू के अलग होने के बाद मोदी और नीतीश एक-दूसरे पर हमला बोलते रहे हैं। उसके बाद जेडीयू ने एनडीए से बाहर आकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा और सरकार भी बनाई लेकिन 2017 में आरजेडी से गठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था। उससे पहले भी जेडीयू और बीजेपी बिहार में दो बार साथ मिलकर सरकार चला चुके हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद अब बिहार के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर-शोर से पूछा जा रहा है कि क्या एक बार फिर नीतीश कुमार अपनी राजनीति की ‘धुरी’ बदलने वाले हैं।
हाल ही में अपनी बायोग्राफ़ी में आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव ने लिखा था कि महागठबंधन से अलग होने के छह महीने बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से इसमें लौटना चाहते थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इसे पूरी तरह से निराधार बताया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी नेता के चर्चा में रहने का यह केवल घटिया प्रयास है।
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