loader

छत्तीसगढ़: चिंतन शिविर से सामने आई बीजेपी में गुटबाज़ी

छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ कांग्रेस में ही नहीं बल्कि बीजेपी में भी अंदरखाने ख़ूब बवाल चल रहा है। पार्टी की ओर से लगाए गए तीन दिन के चिंतन शिविर में कई नेताओं को नहीं बुलाया गया है। इन नेताओं ने कहा है कि वे इसे केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे। आदिवासी बहुल इलाक़े बस्तर में यह चिंतन शिविर हो रहा है। 

एक पूर्व सांसद को भी इस चिंतन शिविर में नहीं बुलाया गया। उन्होंने एचटी से बातचीत में कहा कि पार्टी राज्य के सिर्फ़ मुट्ठी भर नेताओं की आवाज़ सुन रही है। 

छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2023 में चुनाव होने हैं। भूपेश बघेल सरकार के आने से पहले बीजेपी यहां लगातार 15 साल तक सत्ता में रही थी। लेकिन पिछले चुनाव में उसकी बड़ी हार हुई थी और तब 90 सीटों वाली विधानसभा में उसे सिर्फ़ 15 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को 72 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वर्तमान में बीजेपी के पास 14 सीटें हैं। 

करारी हार के बाद हाईकमान ने राज्य में लंबे वक़्त तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर राज्य की राजनीति से केंद्रीय राजनीति में लाने की कोशिश की थी।

चिंतन शिविर को लेकर एक और बीजेपी नेता ने एचटी से कहा कि राज्य के कुछ नेताओं और पूर्व सांसदों को शिविर में न बुलाना एक बड़ी ग़लती है और इससे पार्टी को नुक़सान होगा। इन नेताओं ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ही ये बातें कहीं। 

हालांकि बीजेपी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि पार्टी के लिए हर नेता अहम है और शिविर में निमंत्रण देने के लिए मानदंड तय किए गए हैं, जो नेता इन पर खरे उतरे हैं, उन्हें ही बुलाया गया है। 

ताज़ा ख़बरें
मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग हुए अब 21 साल हो चुके हैं। 2001 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उत्तराखंड और झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ राज्य बनाया था। राज्य निर्माण के श्रेय का फायदा बीजेपी को मिला और वह यहां लगातार 15 साल तक शासन करती रही। 
infighting in Chhattisgarh BJP  - Satya Hindi

गुटों में बंटी है पार्टी 

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि वह यहां कई गुटों में बंटी हुई है। रमन सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। 

रमन सिंह का क़द राज्य बीजेपी में सबसे बड़ा है लेकिन पार्टी के बाक़ी नेता अब अपनी जगह बनाना चाहते हैं। रमन सिंह के विरोधी नेताओं की पूरी कोशिश है कि केंद्रीय नेतृत्व 2023 के चुनाव में किसी दूसरे नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे। 

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने डी. पुरंदेश्वरी को प्रभारी बनाया हुआ है। पुरंदेश्वरी ने हाल ही में कहा था कि पार्टी अगले चुनाव में बिना किसी सीएम के चेहरे के लोगों के बीच जाएगी। 

छत्तीसगढ़ से और ख़बरें

हालांकि हाईकमान के बीच अभी भी रमन सिंह की ही पकड़ मजबूत मानी जाती है। रमन सिंह अपने क़रीबी और पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय को प्रदेश अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे थे जबकि नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक को भी उनका नज़दीकी माना जाता है।  

रमन सिंह को चुनौती देने वाले नेताओं में बृजमोहन अग्रवाल, विधायक अजय चंद्राकर और नंद कुमार साय शामिल हैं। इसके अलावा राज्य सभा सांसद सरोज पांडे की भी ख़्वाहिश राज्य का मुख्यमंत्री बनने की है। इन सभी नेताओं के अपने-अपने गुट हैं।  

रमन सिंह का राज्य की आदिवासी आबादी में अच्छा असर माना जाता है। छत्तीसगढ़ में 30 फ़ीसदी आबादी आदिवासी समुदाय की है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

छत्तीसगढ़ से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें