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इम्तियाज़ की सीरीज़ 'शी' की कहानी में थ्रिल, पर क्लाइमेक्स कर सकता है निराश

सीरीज़- शी

डायरेक्टर- आरिफ़ अली, अविनाश दास

स्टार कास्ट- अदिती पोहाकर, विजय वर्मा, ध्रुव ठुकराल

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- नेटफ्लिक्स

शैली- सस्पेंस-ड्रामा

रेटिंग- 2/5

हाल ही में नेटफ्लिक्स पर 'शी' नाम की एक सीरीज़ रिलीज़ हुई है और जिसकी कहानी डायरेक्टर इम्तियाज़ अली ने लिखी है। इस सीरीज़ का डायरेक्शन आरिफ़ अली ने किया है। 'शी' की कहानी एक महिला कॉन्स्टेबल और ड्रग माफिया के ईर्द-गिर्द घूमती हुई दिखाई गई है। तो आइए जानते हैं ‘शी’ में क्या है-

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सीरीज़ 'शी' की शुरुआत होती है भूमिका परदेशी (अदिती पोहाकर) से जो कि मुंबई के एक थाने में महिला कॉन्स्टेबल है। महिला कॉन्स्टेबल के तौर पर भूमिका को हर जगह यह सुनना पड़ता है कि एक महिला होकर वह पुलिस में क्यों भर्ती हुई। तो वहीं दूसरी ओर मुंबई में एक ड्रग डीलिंग का क़ारोबार जोरों पर चल रहा है, जिसके माफिया सास्या (विजय वर्मा) को क्राइम ब्रांच गिरफ्तार करना चाहती है। इसके लिए क्राइम ब्रांच का एक अफ़सर फर्नांडिज़ (ध्रुव ठुकराल) एक अंडरकवर ऑपरेशन चलाता है, जिसके लिए भूमिका को एक देह व्यापार करने वाली के रूप में तैयार किया जाता है और उसे सास्या के पास भेज दिया जाता है। इसके बाद क्या भूमिका के ज़रिए क्राइम ब्रांच सास्या को पकड़ा पाती है या भूमिका फँस जाती है? इसके लिए आपको नेटफ्लिक्स पर आई 7 एपिसोड की यह सीरीज़ देखनी पड़ेगी।

कलाकारों की अदाकारी

इस सीरीज़ की कहानी में जान डालने का काम दो किरदारों ने बख़ूबी किया है। अदिती पोहाकर जो कि सीरीज़ में महिला कॉन्स्टेबल के रोल में हैं, उन्होंने काफ़ी अच्छी एक्टिंग की है। एक्टर विजय वर्मा ने भी शानदार एक्टिंग की है। उन्होंने अपने ड्रग डीलर के किरदार को बख़ूबी निभाया। इसके अलावा सीरीज़ के बाक़ी सभी किरदारों ने भी अच्छी एक्टिंग की है।

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डायरेक्शन

किसी भी सीरीज़ या फ़िल्म की आत्मा उसकी कहानी और उसके बाद उसका डायरेक्शन होता है। इम्तियाज़ अली द्वारा लिखी गई कहानी ‘शी’ थोड़ी सी कमज़ोर साबित हुई है और आरिफ़ अली का डायरेक्शन भी कुछ ऐसा ही रहा। इस सीरीज़ की शुरुआत काफ़ी अच्छी हुई लेकिन अंत तक डायरेक्टर ने इसकी कहानी को कमज़ोर कर दिया।

क्यों देखें ‘शी’?

अगर आप कोई सस्पेंस-ड्रामा सीरीज़ देखना चाहते हैं तो ‘शी’ आप एक बार देख सकते हैं। इसके अलावा एक्टर विजय वर्मा और अदिती पाहोकर की एक्टिंग के लिए और अगर आप घर पर बोर हो रहे हैं, तो भी यह सीरीज़ देख सकते हैं।

क्यों न देखें?

इस सीरीज़ की शुरुआत सस्पेंस से होती है लेकिन कई बार कुछ चीजें दोहराई गई हैं और इसके अलावा सीरीज़ का क्लाइमेक्स भी कुछ ख़ास नहीं रहा। सीरीज़ देखने के बाद आप ख़ुद को ठगा-सा महसूस कर सकते हैं।

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दीपाली श्रीवास्तव

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