loader

दिल्ली: 'आप' के पांचों मुसलिम उम्मीदवार जीते, कांग्रेसियों की ज़मानत ज़ब्त

दिल्ली में शाहीन बाग़ के इर्द-गिर्द हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने की कोशिशें उसी पर उल्टी पड़ गईं। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच मुसलिम वोटों के बंटवारे से कुछ सीटों पर जीत की उम्मीद लगाये बैठी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। ‘आप’ अपने पांचों मुसलिम उम्मीदवारों को भारी अंतर से जिताने में कामयाब रही। इन सीटों पर कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हो गई। इसी के साथ विधानसभा में मुसलिम विधायकों की संख्या चार से बढ़कर पांच हो गई है। 

ओखला

सबसे पहले बात करते हैं ओखला विधानसभा सीट की। जिस शाहीन बाग़ के ख़िलाफ़ बीजेपी पूरे चुनाव में दुष्प्रचार करती रही, वह इलाक़ा इसी विधानसभा सीट में आता है। यहां बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस सीट पर ‘आप’ के उम्मीदवार अमानतुल्लाह ख़ान को एक लाख तीस हज़ार वोट मिले और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार ब्रह्म सिंह तंवर को 71,827 वोटों से हराया। तंवर पिछले चुनाव में 64,532 वोटों से हारे थे। इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता परवेज़ हाशमी महज़ पांच हज़ार वोटों पर ही सिमट गए। हाशमी की ज़मानत भी नहीं बची।

ताज़ा ख़बरें
हालांकि ओखला में इस बार पिछली बार के मुक़ाबले क़रीब 10 फ़ीसदी कम मतदान हुआ था। इसके बावजूद हार-जीत का अंतर पिछली बार के मुक़ाबले काफ़ी ज़्यादा रहा। इस सीट पर ईवीएम मशीन में कुल 1,97,167 वोट पड़े और 264 पोस्टल बैलट में। इस तरह कुल 1,97,431 वोटों में 66.03 फ़ीसदी वोट ‘आप’ को और 29.65 फ़ीसदी वोट बीजेपी को मिले।
AAP win all muslim Majority seats in Delhi Congress lost - Satya Hindi

बल्लीमारान

बल्लीमारान सीट पर केजरीवाल सरकार के मंत्री इमरान हुसैन की साख़ दांव पर थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे हारून यूसुफ़ को यहां इस बार जीत की पूरी उम्मीद थी। लेकिन हारून पांच हज़ार का आंकड़ा भी नहीं छू सके। पिछली बार इमरान यहां 33,877 वोटों से जीते थे। इस बार उनकी जीत का आंकड़ा 36,172 रहा। इस सीट पर ईवीएम में 1,01,456 वोट पड़े और 76 पोस्टल बैलेट में पड़े। कुल 1,01,532 वोटों में से 64.65 फ़ीसदी ‘आप’ को, 29.03 फ़ीसदी वोट बीजेपी को और कांग्रेस को 4.73 फ़ीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

AAP win all muslim Majority seats in Delhi Congress lost - Satya Hindi

मटिया महल

इस सीट पर अरविंद केजरावाल को काफ़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा। इसकी वजह थी चुनाव से ठीक पहले शुएब इक़बाल का ‘आप’ का दामन थामना। पिछले चुनाव में ‘आप’ के असीम अहमद ख़ान ने शुएब को यहां 26,096 वोटों से हराया था। असीम केजरीवाल सरकार में मंत्री भी रहे। एक बिल्डर से रिश्वत लेने के आरोप में पहले उन्हें मंत्री पद से हटाया गया और बाद में पार्टी से भी उनका पत्ता साफ़ हो गया। 

‘आप’ ने शुएब को पार्टी में शामिल कर उन्हीं पर दांव खेला। शुएब ने बीजेपी उम्मीदवार को 50,241 वोटों से हराकर साबित किया कि यहां उनका जलवा बरक़रार है। शुएब इक़बाल 1993, 1998 में जनता दल, 2003 में जनता दल सेक्युलर, 2008 में एलजेपी, 2013 में कांगेस और इस बार ‘आप’ के टिकट पर जीते हैं। इस सीट पर ईवीएम में 88,514 वोट पड़े और पोस्टल बैलेट से 56 वोट आए। कुल 88,507 में से 67,282 वोट शुएब इक़बाल को और 17,041 वोट बीजेपी को मिले। कांग्रेस के मिर्ज़ा जावेद 3,409 वोटों पर सिमट गए।

AAP win all muslim Majority seats in Delhi Congress lost - Satya Hindi

सीलमपुर

यहां ‘आप’ ने अपना उम्मीदवार बदला था। पार्टी ने पिछली बार जीते अपने विधायक मोहम्मद इशराक़ उर्फ़ भूरे का टिकट काट कर अब्दुल रहमान को मैदान में उतारा था। इशराक़ ने बग़ावत भी की थी। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भी दाख़िल किया था। लेकिन केजरीवाल और गोपाल राय ने मिलकर उन्हें मना लिया था। अब्दुल रहमान केजरीवाल की उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने 56 फ़ीसदी वोट हासिल करके बीजेपी को धूल चटा दी। यह अकेली सीट है जहां कांग्रेस के किसी मुसलिम उमीदवार को 20 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले हैं।

दिल्ली से और ख़बरें
सीलमपुर सीट पर ईवीएम में 1,29,422 वोट पड़े और 282 वोट पोस्टल बैलट से आए। कुल 1,29,704 वोटों में से ‘आप’ को 72,694 और बीजेपी को 35,774 वोट मिले। कांग्रेस के चौधरी मतीन अहमद ने 15.61 फ़ीसदी यानी 20,247 वोट लेकर अपनी और अपनी पार्टी की थोड़ी-बहुत इज्जत बचाई।
AAP win all muslim Majority seats in Delhi Congress lost - Satya Hindi

मुस्तफ़ाबाद

यह सीट हारना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। पिछली बार बीजेपी के जगदीश प्रधान यहां से जीते थे। तब मुसलिम वोट ‘आप’ के हाजी यूनुस और कांग्रेस के हसन अहमद के बीच बंट गये थे। इस बार हसन के पुत्र अली मेहदी यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें महज़ 5363 वोट मिले। हाजी यूनुस ने 98,850 वोट हासिल करके बीजेपी के जगदीश प्रधान को 20 हज़ार वोटों के अंतर से हरा दिया। पिछले चुनाव में हाजी यूनुस 6,631 वोटों से जगदीश प्रधान से हारे थे। इस बार हाजी यूनुस ने अपनी हार का बदला चुका लिया।

इस सीट पर ईवीएम में 1,85,290 वोट पड़े थे और 502 पोस्टल बैलट से आए थे। कुल 1,85,792 वोटों में से 53.2 फ़ीसदी हाज़ी यूनुस को मिले, जगदीश प्रधान को 42.06 फ़ीसदी और कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 2.89 फ़ीसदी वोट ही आए।

AAP win all muslim Majority seats in Delhi Congress lost - Satya Hindi
इन पांचों सीटों के नतीजों के विश्लेषण से साफ़ हो जाता है कि दिल्ली के मुसलमानों ने ‘आप’ को कांग्रेस के विकल्प के रूप में अपना लिया है। नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ स्टैंड लेने से कांग्रेस को उम्मीद थी कि दिल्ली के मुसलमानों का वोट उसे मिलेगा लेकिन मुसलमानों ने ‘आप’ का दामन थामकर कांग्रेस की उम्मीदों पर झाड़ू लगा दिया। कांग्रेस जब पंद्रह साल तक सत्ता में रही तब विधानसभा में उसके पांच मुसलिम विधायक हुआ करते थे। ‘आप’ ने इस चुनाव में इस आंकड़े को छू लिया है। ऐसा लगता है कि दिल्ली के 13 फ़ीसदी मुसलिम ‘आप’ के मज़बूत वोटर बन गए हैं।  
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
यूसुफ़ अंसारी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें