सिद्धारमैया
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प्रदूषण के कारण बंद किए गए दिल्ली के स्कूल और कॉलेज सोमवार से खुलेंगे। इसके साथ ही दिल्ली के सभी सरकारी कार्यालय भी खुलेंगे। अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसकी घोषणा तब की जब कुछ घंटे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने शहर के प्रदूषण को लेकर फिर से तीखी टिप्पणी की। हालाँकि कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हालात सुधरते हैं तो कुछ प्रतिबंधों को हटा लें।
अदालत के फ़ैसले के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में अब सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान सोमवार से फिर से खुलेंगे। बता दें कि राजधानी में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार ही हुआ है और यह अभी भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है।
गोपाल राय ने सरकारी कर्मचारियों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनके लिए विशेष बसों की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि इसी सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार ने निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध हटा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज ही दिन में फिर से जारी वायु प्रदूषण के संकट पर कड़ी टिप्पणियाँ कीं। अदालत ने कहा, 'यह राष्ट्रीय राजधानी है। हम दुनिया को जो संकेत दे रहे हैं, उसे देखें। आपको आँकड़ों के आधार पर स्थिति का अनुमान लगाना होगा... और पूर्वानुमान के आधार पर कार्रवाई करनी होगी ताकि स्थिति गंभीर न हो।'
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 नवंबर को कहा था कि 15 नवंबर से दिल्ली के स्कूल एक हफ़्ते के लिए ऑफलाइन कक्षाओं में शिफ्ट हो जाएंगे। केजरीवाल ने यह घोषणा तब की थी जब दिल्ली में एक सप्ताह से अधिक समय से शहर में जहरीली धुंध छाई थी।
दिल्ली-एनसीआर में बनी प्रदूषण की मोटी परत को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने 13 नवंबर को ही कड़ी टिप्पणी की थी और सुझाव दिया था कि दिल्ली में दो दिन का लॉकडाउन लगा दिया जाना चाहिए।
अदालत दिल्ली में प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका दिल्ली के 17 साल के एक छात्र आदित्य दुबे ने दायर की थी। सीजेआई रमना ने कहा था, 'हमने देखा है कि हालात कितने ख़राब हैं। हम अपने घर के अंदर भी मास्क पहन रहे हैं।' सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण को लेकर आपात बैठक बुला ली थी।
सीजेआई ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए इमरजेंसी प्लान लेकर आए। लेकिन केंद्र सरकार ने इसका सारा दोष पंजाब में जल रही पराली के मत्थे जड़ दिया था।
इस पर सीजेआई ने कहा था, “आप इसे ऐसे क्यों बता रहे हैं कि प्रदूषण किसानों की वजह से हो रहा है। वहां से कुछ प्रदूषण होता है लेकिन बाक़ी का क्या? आप दिल्ली में प्रदूषण पर क़ाबू पाने के लिए क्या कर रहे हैं। हमारा राज्य या केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। आप हमें 2-3 दिन में प्लान बताइए।”
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