loader

आप से गठबंधन के पूरी तरह ख़िलाफ़ थे अजय माकन

अजय माकन ने आख़िरकार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया। माकन ने आज सुबह किए गए ट्वीट में इस बात की जानकारी दी। पहले भी ऐसी ख़बरें आईं थी कि माकन पद से इस्तीफ़ा दे सकते हैं। 

माकन के इस्तीफ़े के साथ यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन हो सकता है। माकन ने इस्तीफ़े में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी का शुक्रिया अदा किया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने माकन का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। 

ख़बरों के मुताबिक़, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। शीला दीक्षित ने हाल ही में कहा था कि अगर पार्टी हाईकमान उन्हें अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी देता है तो वह इसे संभालने को तैयार हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन कई बार स्पष्ट कर चुके थे कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं होना चाहिए। 
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने हाईकमान को साफ़-साफ़ बता दिया था कि अगर लोकसभा चुनाव में आप के साथ चुनावी तालमेल हुआ तो पार्टी का नुक़सान होना तय है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हाईकमान को यह भी बताया था कि वह आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह का चुनावी गठबंधन नहीं चाहती।
कांग्रेस और आप के गठबंधन की ख़बरों के बीच कुछ महीने पहले माकन ने ट्वीट किया था कि जब दिल्ली के लोग लगातार केजरीवाल की सरकार को नकार रहे हैं तो ऐसे में कांग्रेस उन्हें बचाने के लिए क्यों आगे आए? माकन ने लिखा था, 'आख़िकार केजरीवाल और उनकी टीम अन्ना को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही मदद की थी जिससे मोदी को सत्ता में आने में मदद मिली थी।' 
इस पर आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने माकन को जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा था, ‘कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी' के संपर्क में हैं और वे हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में हमारा सहयोग चाहते हैं। दिल्ली में हमसे वे एक सीट मांग रहे हैं'।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें