दिल्ली में बीजेपी ने जीत के लिये पूरा जोर लगाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इसके अलावा भी कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, सांसदों, प्रदेश अध्यक्षों ने दिल्ली की गलियों की खाक छानी लेकिन कुछ नहीं हुआ। पार्टी दिल्ली में 8 सीटों पर ही सिमट गई जबकि उसके प्रदेश अध्यक्ष 48 सीटें लाने का दावा कर रहे थे।
संसाधन झोंकने के अलावा दिल्ली में बीजेपी का पूरा चुनाव प्रचार भड़काऊ बयानों से भरा रहा। अमित शाह ने कई जनसभाओं में कहा कि लोग ईवीएम का बटन इतने ग़ुस्से में दबाएं कि इसका करंट शाहीन बाग़ में लगे। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने शाहीन बाग़ में धरना दे रहे लोगों को लेकर कहा कि इनके पूर्वजों ने देश के टुकड़े-टुकड़े किये थे। योगी ने कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों का समर्थन करने वाले लोग शाहीन बाग़ में बैठे हैं। लेकिन विश्वलेषण करने पर पता चलता है कि शाह और योगी ने जिन सीटों पर रैलियां की हैं, उनमें लगभग सभी सीटों पर बीजेपी हार गई है। इससे यह भी पता चलता है कि बीजेपी धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण कराने में भी सफल नहीं हुई है। योगी ने केजरीवाल सरकार पर शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिलाने का आरोप लगाया।
अमित शाह ने बादली, बवाना, बाबरपुर, रोहतास नगर, घोंडा, रिठाला, जनकपुरी, छतरपुर, कस्तूरबा नगर, आर.के. पुरम, मालवीय नगर, त्रिनगर, दिल्ली कैंट, बुराड़ी, मुंडका, ग्रेटर कैलाश, राजेंद्र नगर, मोती नगर, तिमारपुर, त्रिलोकपुरी, कोंडली, कृष्णा नगर, गाँधी नगर, सीमापुरी, नज़फगढ़, मादीपुर, हरि नगर और कई अन्य जगहों पर जनसभाएं और रोड शो किये। लेकिन इनमें से बीजेपी को सिर्फ़ गाँधी नगर, घोंडा, रोहतास नगर की सीट पर ही जीत मिली है। शाह ने 40 से ज़्यादा विधानसभा सीटों को कवर किया लेकिन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका और शाहदरा में जनसभा को संबोधित किया लेकिन ये दोनों सीटें भी बीजेपी हार गई।
योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में 12 विधानसभा सीटों पर चुनावी रैलियों को संबोधित किया लेकिन बीजेपी को इसमें से सिर्फ़ 3 सीटों पर ही जीत मिली। योगी ने विकासपुरी, पटपड़गंज, किराड़ी, उत्तम नगर, महरौली, द्वारका, तुगलकाबाद, रोहिणी, करावल नगर, जहांगीरपुरी और बदपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। इन सीटों में से सिर्फ़ बदरपुर, करावल नगर और रोहिणी सीट पर ही बीजेपी को जीत मिली।
पश्चिमी दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने जनकपुरी सीट पर एक जनसभा में विवादित बयान दिया था, इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार आशीष सूद लगभग 15 हज़ार वोटों से चुनाव हार गए हैं। वर्मा ने शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को लेकर ‘ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, बहन-बेटियों से रेप करेंगे’ का बयान दिया था। वर्मा को चुनाव आयोग ने दो बार चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिठाला विधानसभा सीट पर आयोजित जनसभा में ‘देश के गद्दारों को…’ का नारा लगवाया था। लेकिन इस सीट पर भी बीजेपी उम्मीदवार मनीष चौधरी 13 हज़ार से ज़्यादा वोटों से चुनाव हार गये। 8 फ़रवरी को दिल्ली में हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुक़ाबला होने की बात कहने वाले और मॉडल टाउन सीट से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा को भी लोगों ने नकार दिया और वह 11 हज़ार वोटों से चुनाव हार गये।
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