जिस समय दिल्ली दंगों में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं और उसकी तीखी आलोचना हो रही है, गृह मंत्री अमित शाह ने न केवल उनका बचाव किया, उनकी तारीफ भी की है।
लोकसभा में दंगों पर बहस में सरकार की ओर से जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरी मुस्तैदी से काम किया और 36 घंटों के अंदर दंगों पर काबू पा लिया।
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पुलिस ने अच्छा काम किया?
गृह मंत्री ने बताया कि किस तरह पुलिस तुरन्त हरकत में आ गई और कैसे कैसे वह अधिक से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती करती गई। उन्होंने पुलिस को हो रही दिक्क़तों का भी ब्यौरा दिया।अमित शाह ने कहा कि जिन इलाक़ों में दंगे हुए, वे घनी आबादी और मिली जुली जनसंख्या वाला इलाक़े हैं, संकरी गलियाँ हैं। वे ऐसे इलाक़े हैं जहां पुलिस की गाड़ी नहीं पहुँच सकती है, फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं जा सकती है, और तो और मोटरसाइकिल तक ठीक से नहीं जा सकती।
'दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा'
अमित शाह ने कहा कि पुलिस फ़ेसियल रीकॉगनिशन सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल कर दंगाइयों को पहचानने की कोशिश कर रही है। सरकार ने दो विशेष जाँच टीमों का गठन किया है। अब तक 1,100 लोगों की जानकारी इस सॉफ़्टवेअर में डाली गई है, जाँच चल रही है।गृह मंत्री ने यह भी कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख़्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के हों। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह उनके कहने पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल दंगा प्रभावित इलाक़ों में गए और लोगोंका मनोबल बढ़ाया। अमित शाह ने यह भी कहा कि वह स्वयं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के सम्मान में दिए गए भोज में नहीं गए, पुलिस अधिकारियों के साथ बैठे रहे, मशविरा करते रहे ताकि दंगे पर काबू पाया जा सके।
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