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कोरोना: लॉकडाउन से दिल्ली में अभी राहत नहीं, एक हफ़्ते बाद होगी समीक्षा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में फ़िलहाल लॉकडाउन से कोई राहत नहीं दी जाएगी और इस पर एक हफ़्ते बाद समीक्षा की जाएगी। उनका यह बयान इसलिए आया है क्योंकि पाँच दिन पहले ही केंद्र सरकार ने कहा था कि 20 अप्रैल से देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन में कुछ ढील दा जा सकती है और इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की थी। 

केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले काफ़ी ज़्यादा आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट ज़ोन में भी संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है और इसी बात को ध्यान में रखकर इसमें छूट नहीं दी जा सकती है। दिल्ली में 11 ज़िले हैं और सभी कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्र हैं। 

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फ़िलहाल दिल्ली में 1893 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और 42 लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन पहले ही ख़बर आई थी कि कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित उत्तरी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में एक परिवार के 26 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। यह तब है जब कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित होने के कारण वह क्षेत्र पूरी तरह सील है। दिल्ली में ऐसे 77 कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किए गए हैं। कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किए जाने का मतलब है कि वह क्षेत्र कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट है और उसे फैलने से रोकने के लिए उस पूरे क्षेत्र में ज़बरदस्त पाबंदी है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार जो हॉटस्पॉट क्षेत्र नहीं हैं वहाँ 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है, लेकिन हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट क्षेत्रों में यह ढील नहीं दी जा सकती है। 

बता दें कि लॉकडाउन बढ़ाने के दौरान 20 अप्रैल से ढील देने के बारे में 15 अप्रैल को गाइडलाइन जारी की गई थी। गाइडलाइन में कहा गया है कि 20 अप्रैल के बाद कृषि, आईटी, ई-कॉमर्स जैसी गतिविधियों और सामान ढोने के लिए अंतरराज्यीय परिवहन को अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा मनरेगा से जुड़े कार्य भी शुरू होंगे। हालाँकि यह छूट तभी मिलेगी जब वह संबंधित क्षेत्र कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट नहीं होगा। 

यह गाइडलाइन तब आई थी जब प्रधानमंत्री मोदी ने गाइडलाइन जारी किए जाने से एक दिन पहले ही मंगलवार को लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी।

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क़मर वहीद नक़वी

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