भारत बायोटेक की चिट्ठी
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि 6.60 करोड़ कोरोना टीके का निर्यात करना सबसे बड़ी ग़लती थी। उन्होंने इस ट्वीट के साथ ही भारत बायोटेक की वह चिट्ठी भी अटैच कर दी है। इस चिट्ठी में 7 मई की चिट्ठी मिलने की पुष्टि की गई है और कोवैक्सीन टीके के प्रति दिलचस्पी के लिए दिल्ली सरकार की तारीफ की गई है।
उस ख़त में कहा गया है, 'हमारे टीके की माँग अभूतपूर्व ढंग से बढ़ गई है और हर महीने उत्पादन बढ़ाने के बावजूद हम माँग नहीं पूरी कर पा रहे हैं। इसके अलावा हम संबंधित सरकारी अफ़सरों के निर्देश के मुताबिक ही टीके भेज रहे हैं। इसलिए हम खेदपूर्वक यह कह रहे हैं कि आपकी माँग के अनुकूल अतिरिक्त टीकों की आपूर्ति हम आपको नहीं कर पा रहे हैं।'
क्या कहना है दिल्ली का?
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ वैक्सीन की माँग की थी, जिसमें कोवीशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीन शामिल थीं।कंपनी की सफाई
भारत बायोटेक की सह संस्थापक सुचित्रा एल्ला ने कहा है, 'कोवैक्सीन ने 10 मई 2021 को 18 राज्यों को छोटी खेप के रूप में सप्लाई भेजी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राज्य हमारे इरादे को लेकर शंका जता रहे हैं। हमारे 50 कर्मचारी कोविड से प्रभावित से प्रभावित होने के कारण काम से बाहर हैं, इसके बावजूद हम आपके लिए हर दिन, 24 घंटे काम कर हैं।'Covaxin dispatched 10/5/21.18 states have been covered thou in smaller shipments. Quite disheartening to the teams to hear Some states complaining about our intentions. 50 of our employees are off work due to covid, yet we continue to work under pandemic lockdowns 24x7 for U 🇮🇳 pic.twitter.com/FmQl4vtqXC
— suchitra ella (@SuchitraElla) May 11, 2021
इसके पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इन दोनों कंपनियों सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटेक की उत्पादन क्षमता सीमित है और टीके की माँग बढ़ती ही जा रही है, लिहाज़ा, इन दोनों से फार्मूला लेकर जितनी भी कंपनियां वैक्सीन बना सकती हैं उनको दे दिया जाए और बड़े स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन करवाया जाए।
उन्होंने यह भी कहा था कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहाँ से भी वैक्सीन मिले, वहाँ से लेकर राज्य सरकारों को उपलब्ध करवाए।
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