loader

कोरोना: मुंबई से आगे निकली दिल्ली, कैसे काबू होंगे हालात?

दिल्ली में कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं और अब राष्ट्रीय राजधानी ने मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली में अब तक कोरोना संक्रमण के 70,390 मामले सामने आए हैं जबकि मुंबई में संक्रमण के मामलों की संख्या 69,528 है। ऐसे में केजरीवाल सरकार के सामने इस संक्रमण को रोक पाना एक बड़ी चुनौती है। 

दिल्ली में कोरोना के मामलों के तेज़ गति से बढ़ने के कारण इससे सटे राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा के इलाक़ों में भी डर का माहौल है। इसी डर के कारण कई बार ये दोनों राज्य दिल्ली से लगने वाली अपनी सीमाओं को सील कर चुके हैं। 

ताज़ा ख़बरें

दिल्ली में अब तक 4.2 लाख टेस्टिंग हो चुकी है जबकि मुंबई में यह आंकड़ा 2.94 लाख है। हालांकि मुंबई में कोरोना संक्रमण का फीसद और होने वाली मौतों का आंकड़ा दिल्ली से ज़्यादा है। मुंबई में संक्रमण का फ़ीसद 23.2% है जबकि दिल्ली में यह 16.7% है। दिल्ली में अब तक 2,365 लोगों की मौत हुई है जबकि मुंबई में यह आंकड़ा 3,964 है। 

कोरोना के मामलों को तेजी से बढ़ते देख दिल्ली सरकार ने 30 जून तक कंटेनमेंट ज़ोन में आने वाले हर घर की स्क्रीनिंग करने और 6 जुलाई तक सभी बाक़ी घरों की स्क्रीनिंग करने की योजना बनाई है। इसके अलावा दिल्ली सरकार 27 जून से 10 जुलाई तक सीरोलॉजिकल सर्वे भी करेगी। इसके तहत दिल्ली के सभी जिलों में 20 हज़ार टेस्ट किए जाएंगे। 

दिल्ली पुलिस, दिल्ली के सभी नगर निगम, जिला निगरानी कमेटी के अधिकारियों, आरोग्य सेतु के आईटी कर्मचारियों, मेडिकल कॉलेजों के सदस्यों, शिक्षा विभाग और युवाओं के प्रतिनिधियों को मिलाकर प्रत्येक जिला निगरानी इकाई द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। 

कुछ दिन पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के मामले इसी रफ़्तार के साथ बढ़ते रहे तो 31 जुलाई तक राजधानी में संक्रमण के मामलों की संख्या 5.5 लाख तक पहुँच सकती है। 

दिल्ली से और खबरें

दिल्ली में कोरोना के मामलों को लेकर एक हफ़्ते में तीन बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच बैठक हो चुकी है। 

सुप्रीम कोर्ट की फटकार 

दिल्ली में कोरोना से निपटने के इंतजामों को लेकर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून को कहा था कि राजधानी में कोरोना के मरीजों का इलाज जानवरों से भी बदतर ढंग से हो रहा है। शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच ने कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाहियों का स्वत: संज्ञान लिया था। बेंच में शामिल जस्टिस एम.आर. शाह ने कहा था, ‘एक मामले में तो शव कूड़ेदान में मिला। यह क्या हो रहा है।’

मुंबई को मिल रही सफलता 

दूसरी ओर, मुंबई ने कोरोना संक्रमण की रफ़्तार पर काबू पाने में अच्छी सफलता हासिल की है और बृहन्मुंबई नगरपालिका ने दावा किया है कि जुलाई तक कोरोना को नियंत्रित कर लिया जाएगा। 

मुंबई में मरीजों के पॉजिटिव होने की डबलिंग की अवधि अब सैंतीस दिन हो चुकी है और इसे पचास दिन तक पहुंचाने की तैयारी है। मुंबई में कोरोना से सबसे ज़्यादा संक्रमित इलाक़ों में ‘मिशन जीरो’ अभियान शुरू किया गया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें