दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल के 68 डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने घरों में ही ख़ुद को क्वरेन्टाइन कर लें। इस अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मृत्यु के बाद यह फ़ैसला लिया गया है। यह संदेह है कि उस महिला को कोरोना संक्रमण था।
हुआ क्या?
वह महिला उत्तर-पश्चिम दिल्ली के भगवान महावीर अस्पताल में दाखिल हुई थी। लेकिन उसने यह बात छुपा ली थी कि वह कुछ दिन पहले ही विदेश से आई थी और उसे घर पर ही 14 दिन तक क्वरेन्टाइन करने को कहा गया था। उसे अस्पताल में सोमवार को भर्ती कराया गया था, उसकी मौत बुधवार को हो गई।
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उस अस्पताल ने एक बयान में कहा है कि उस महिला ने ग़लत जानकारी देकर दाखिला लिया था।
अस्पताल ने कहा, ‘भर्ती के समय बार-बार पूछे जाने के बावजूद रोगी ने यह नहीं बताया कि वह विदेश से आई थी, न ही उसने यह जानकारी दी कि उसे ज़िला मजिस्ट्रेट (उत्तर-पश्चिम) ने घर पर क्वरेन्टाइन करने का आदेश दिया था। उसने अस्पताल के फ़ॉर्म में ग़लत जानकारियाँ दी थीं।’
उस महिला ने बाद में डॉक्टरों से कहा कि वह विदेश से कुछ दिन पहले ही आई थी और वह जिस हवाई जहाज़ से आई थी, उसमें कोरोना संक्रमित लोग भी बैठे थे और वह उनके संपर्क में भी आई थी।
उसने यह भी कहा कि उसके परिवार के चार लोगों को 10 अप्रैल से 24 अप्रैल तक होम क्वरेन्टाइन के लिए कहा गया था।
उसकी मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मचा और उसके संपर्क में आए सभी लोगों से कहा गया कि घर पर स्वयं को क्वरेन्टाइन करें।
उस महिला के कोरोना जाँच की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
बता दें कि दिल्ली देश का अकेला ऐसा राज्य है, जिसके सभी ज़िलों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। इसके अलावा सबसे ज़्यादा कंटेनमेंट ज़ोन भी दिल्ली में ही हैं। दिल्ली सरकार ने 57 इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया है। कंटेनमेंट ज़ोन को रेड ज़ोन भी कहा जाता है। मतलब यह कि यहां कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा सबसे ज़्यादा है।
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