पेगासस जासूसी के मामले को लेकर कांग्रेस सड़क से संसद तक मोदी सरकार पर हमलावर है। संसद के दोनों सदनों में पेगासस जासूसी के मामले को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जोर-शोर से उठाया है। वहीं, दिल्ली कांग्रेस ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया है। पुलिस को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को क़ाबू करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि बीजेपी को किस बात का डर है जो वह राहुल गांधी और देश के अन्य लोगों की जासूसी करने पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि आख़िर उन पर पुलिस बल का प्रयोग क्यों किया जा रहा है? पुलिस ने चौधरी अनिल कुमार सहित अन्य कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बसों में भरकर मंदिर मार्ग थाने में ले गई।
बता दें कि 40 पत्रकारों के फ़ोन टैपिंग की ख़बर सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मचा हुआ है। ये पत्रकार 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'द इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' से जुड़े हैं। इसके अलावा विपक्षी दलों के नेताओं में राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी जासूसी किए जाने की बात सामने आई है।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी नाम उन लोगों में है, जिनकी जासूसी की गई। टीएमसी ने इस मामले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार की आलोचना की है। टीएमसी भी इस मामले में संसद परिसर में प्रदर्शन कर चुकी है।
कई उद्योगपतियों, दूसरे मुल्क़ों के नेताओं की भी जासूसी किए जाने की ख़बरें सामने आई हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार लोगों के बेडरूम में झांक रही है और जासूसी कर रही है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ भी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के साथ ही उनके स्टाफ़ की भी जासूसी की गई।
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