loader
दिल्ली में फॉग। गुरुवार शाम चार बजे की तसवीर।सत्य हिंदी

प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए जानलेवा, अस्पतालों में 30 फ़ीसदी बढ़े मरीज

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कितना ख़तरनाक स्तर तक पहुँच गया है इसका असर अस्पतालों में भी दिख रहा है। वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में दिल्ली के अस्पतालों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। 

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, डॉक्टर कहते हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में मोटे तौर पर 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अधिकतर मरीज गले में जलन, आँखों से पानी आना, साँस लेने में दिक्कत, अस्थमा और फ़ेफड़े में परेशानियों को लेकर आए। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीजों की संख्या उसी दौरान बढ़नी शुरू हुई जब दिल्ली में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स काफ़ी ख़राब होने लगी। इसमें बच्चे और वृद्ध सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।

ताज़ा ख़बरें

पहले भी वायु प्रदूषण से मौत की रिपोर्टें आती रही हैं जो साफ़-साफ़ कहती हैं कि इससे बच्चों और वृद्ध पर ज़्यादा ख़तरनाक असर होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने 2016 की एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत जैसे देशों में 98 फ़ीसदी बच्चे ज़लरीली हवा से प्रभावित होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उस वर्ष हवा प्रदूषण के कारण भारत में एक लाख से ज़्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि वायु प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य के सबसे बड़े ख़तरों में से एक है। पाँच साल से नीचे की उम्र के 10 में से एक बच्चे की मौत हवा प्रदूषण के कारण हो जाती है। 

2018 में आई एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में प्रदूषण के कारण दिल्ली में क़रीब 14800 लोगों की समय से पहले मौत हो गई थी। प्रदूषण से मरने वालों के मामले में दिल्ली सबसे अव्वल रही थी। इसके बाद मुंबई में 10500, कोलकाता में 7300 और चेन्नई में 4800 लोगों की मौत हो गई थी।

इस मौसम में पहली बार वायु प्रदूषण का स्तर सीवियर यानी गंभीर हो गया है। दिल्ली में बुधवार को शाम पाँच बजे हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स औसत रूप से 419 तक पहुँच गया। एक दिन पहले यानी मंगलवार को यह 400 तक था। दिल्ली से सटे शहरों में भी हवा की गुणवत्ता गंभीर बनी रही। ग़ाज़ियाबाद में सबसे ज़्यादा स्थिति ख़राब रही और और शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स औसत रूप से 478 तक पहुँच गया। 201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ माना जाता है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स से हवा में मौजूद 'पीएम 2.5', 'पीएम 10', सल्फ़र डाई ऑक्साइड और अन्य प्रदूषण के कणों का पता चलता है। पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर वातावरण में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं जिन्हें आप साधारण आँखों से नहीं देख सकते। 'पीएम10' मोटे कण होते हैं। 

दिल्ली से और ख़बरें

सामाजिक काम करने वाले एक संगठन ग्रीनपीस ने भी भारत में प्रदूषण पर एक रिपोर्ट दी थी। इसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि हवा को प्रदूषित करने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड का दुनिया में सबसे ज़्यादा उत्सर्जन भारत में होता है। यह सबसे ज़्यादा दिल्ली-एनसीआर, उत्तरप्रदेश का सोनभद्र, मध्य प्रदेश में सिंगरौली, ओडिशा में ताल्चेर-आंगुल में होता है।

घातक बीमारियों का ख़तरा

पीएम 2.5' और सल्फ़र डाई ऑक्साइड जैसे प्रदूषक स्वास्थ्य के लिए बेहद ख़तरनाक होते हैं। ये नाक या गले से फेफड़ों में जा सकते हैं और इससे अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। डॉक्टर कहते हैं कि इससे दमा, कैंसर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियाँ हो सकती हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट भी कहती है कि वायु प्रदूषण से कैंसर, अस्थमा, फेफड़े का इन्फ़ेक्शन, न्यूमोनिया और साँस से जुड़ी कई गंभीर इंफ़ेक्शन हो सकते हैं। ऐसी ख़तरनाक बीमारियों के कारण मौत तक हो जाती है। कुछ महीने पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से हर रोज़ कम से कम 80 मौतें होती हैं। यह चेताने वाली तसवीर है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें