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जेएनयू: दिल्ली पुलिस का दावा- हिंसा में आइशी घोष व वामपंथी छात्र संगठन शामिल 

जेएनयू में रविवार रात को हुए बवाल में कौन नक़ाबपोश शामिल थे, इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि 4 जनवरी को कैंपस में हिंसा हुई और सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि जेएनयू में 1 से 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था। लेकिन एसएफ़आई, आआईसा, एआईएसएफ़, डीएसएफ़ रजिस्ट्रेशन नहीं होने देना चाहते थे और रजिस्ट्रेशन करने वालों को धमकाया जा रहा था।
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पुलिस ने कहा कि 5 जनवरी को सुबह 11.30 बजे कुछ छात्रों को पीटा गया। एसएफ़आई, आईसा, एआईएसएफ़, डीएसएफ़ ने दिन में 3.45 बजे पेरियार हॉस्टल के कुछ कमरों पर हमला किया। इसके बाद साबरमती हॉस्टल में हमला किया गया। 

पुलिस ने कहा कि नक़ाबपोशों को इस बात की जानकारी थी उन्हें कौन-कौन से कमरे में जाना था। पुलिस ने कहा कि सुचेता तालुकदार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष, विकास पटेल, चुनचुन कुमार, वास्कर विजय, डोलन समांता, प्रिया रंजन की पहचान हुई है। इन सभी छात्रों से जवाब माँगा गया है। डीसीपी ने कहा कि अभी तक किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है लेकिन जल्द ही इन लोगों से पूछताछ शुरू की जाएगी। 

मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अमित खरे से मिलने के बाद जेएनयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उनके पास भी हमले के सबूत हैं। घोष ने कहा कि दिल्ली पुलिस को अगर इस बात से शांति मिल जाती है कि उन्हें बीच में घुमाकर मामला सुलझ जाएगा, तो वे ऐसा कर सकते हैं।

आइशी ने कहा कि उन्हें क़ानून और व्यवस्था पर पूरा भरोसा है लेकिन जाँच पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है। जेएनयू अध्यक्ष ने कहा कि उनकी शिकायत पर अब तक एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है।
आइशी ने कहा कि जेएनयू के कुलपति को हटाया जाना चाहिए और माँग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। घोष ने कहा कि यह कुलपति जेएनयू को नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा कुलपति चाहिए जो कैंपस के अंदर माहौल को ठीक कर सके। 
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5 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने आइशी घोष व 19 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी। यह एफ़आईआर जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर दर्ज की गई थी। जेएनयू प्रशासन का आरोप है कि इन लोगों ने 4 जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की, वहां काम कर रहे तकनीकी स्टाफ़ को धमकाया और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की। 5 जनवरी को ही रात को जेएनयू में नक़ाबपोश घुसे थे और उन्होंने तीन घंटे तक क़हर मचाया था। नक़ाबपोशों ने आइशी पर जानलेवा हमला किया था जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गई थीं। सोशल मीडिया पर उनके ख़ून से लथपथ होने का वीडियो वायरल हुआ था। 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वह छात्रों से अपील करते हैं कि वे अपना राजनीतिक दुरुपयोग न होने दें। उन्होंने कहा कि अब यह साफ़ हो गया है कि जेएनयू में हुई हिंसा का मुख्य दोषी कौन है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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