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कोरोना से निपटने की तैयारियों पर सवाल उठाने वाले डॉक्टर निशाने पर?

क्या जान की परवाह किये बग़ैर कोरोना से लड़ने वाले डाक्टर, नर्स और हेल्थ वर्कर को शिकायत करने का  भी अधिकार नहीं है? और अगर वे कहें कि उनको पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं मिल रहे हैं तो उन्हें प्रताड़ित किया जायेगा? एक तरफ़ तो हम ऐसे लोगों के लिये तालियाँ बजा उनको धन्यवाद कहते हैं दूसरी तरफ़ उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करते हैं?
 जी हाँ। ये हक़ीक़त है। हमारी व्यवस्था इतनी अश्लील हो गयी है कि एम्स के रेज़िडेंट डॉक्टरों के संगठन को प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिख कर कहना पड़ रहा है कि कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर सवाल उठाने वाले डाक्टरों को निशाने पर लिया जा रहा है।

क्या है चिट्ठी में?

नरेंद्र मोदी को लिखी इस चिट्ठी में कहा गया है कि डॉक्टरों, नर्सो और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों ने पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, जाँच किट और क्वरेन्टाइन सुविधा को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी दिक्क़तें और समस्याएँ बताईं। अधिकारियों को इस पर रचनात्मक रुख अपनाना चाहिए था, पर इसके बजाय इन स्वास्थ्य कर्मियों को निशाने पर लिया जा रहा है और उनके साथ कठोर व्यवहार किया जा रहा है।
इस चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि महामारी के इस दौर में इन स्वास्थ्य कर्मियों को सुनना और उनकी समस्याओ को दूर करना सरकार की ज़िम्मेदारी है और उन्हें अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। ख़त में प्रधानमंत्री से कहा गया है कि 'आप स्वयं सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, इन डॉक्टरों की स्थिति समझ सकते हैं।'
Doctors being targeted for questioning preparedness to fight coronaS - Satya Hindi
ख़त में कहा गया है कि एसोसिएशन प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार होगा यदि वह ऐसा वातावरण बनाएं जिसमें बातचीत और बहस के लिए जगह हो और इन स्वास्थ्य कर्मियों का मजाक न उड़ाया जाए। 
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि इन स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई सजाएं वापस ली जानी चाहिए और उनका सम्मान बहाल किया जाना चाहिए।
यह चिट्ठी ऐसे समय लिखी गई है जब अस्पतालों में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण पाए गए हैं। दिल्ली के ही सर गंगा राम अस्पताल में डॉक्टरों के संक्रमित होने की ख़बर आई थी। अब मुंबई से भी इस तरह की ख़बर आ रही है।
वाल यह है कि जो डॉक्टर और दूसरे स्वास्थ्य कर्मी ख़तरा उठा कर कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं, वे जब सुरक्षा उपकरण और जाँच किट की माँग करते हैं तो क्या गुनाह करते हैं? यह तो सरकार को उन्हें देना ही चाहिए। और जो लोग ऐसे डाक्टरों नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों को सजा दे रहे हैं, उनकी फ़ौरन पहचान हो और उनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। क्या मोदी जी ऐसा करेंगे? 

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क़मर वहीद नक़वी

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