आतंकी संगठन इसलामिक स्टेट के एक आतंकी को शुक्रवार रात को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया है। बताया गया है कि इस आतंकी ने दिल्ली में कई जगहों की रेकी की थी। इस शख़्स का नाम अबू युसूफ़ है और दिल्ली में कई बड़े लोग इसके निशाने पर थे। युसूफ़ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने इंडिया टुडे से कहा कि पुलिस की स्पेशल सेल ने यह गिरफ़्तारी धौला कुआं इलाके से की है। पुलिस का कहना है कि इस आतंकी की दिल्ली में बड़े हमले को अंजाम देने की योजना थी।
यूसुफ़ के साथ एक और शख़्स था जो फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। यूसुफ़ के पास दो आईईडी मिलने पर बम निरोधक दस्ता मौक़े पर पहुंच गया और बमों को निष्क्रिय करने की कोशिश में जुटा है। यह भी कहा जा रहा है कि यूसुफ़ की योजना लोन वुल्फ़ अटैक करने की थी।
भारत में पैर पसार रहा आईएस
आतंकी संगठन आईएस भारत में तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। आईएस तमिलनाडु और कर्नाटक में तेज़ी से उभर रहा है और देश के लिए बहुत बड़ा ख़तरा बन सकता है। आईएस का मक़सद सिर्फ छिटपुट आतंकवादी वारदातों तक सीमित रहना नहीं है, बल्कि वह भारत में इसलामिक शरिया से चलने वाले ख़िलाफ़त राज्य की स्थापना करना चाहता है और उसने इसके लिए अल हिंद नामक संगठन बनाया है। हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) ने एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में अदालत में पेश की गई चार्जशीट में ये सारी बातें कही थीं और 17 लोगों के ख़िलाफ़ सबूत दिए थे।
इस विषय पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो-
बेंगलुरू से गिरफ़्तारी
कुछ दिन पहले एनआईए ने बेंगलुरू से अब्दुर रहमान नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया था, जो 2014 में सीरिया में इसलामिक स्टेट के लिए काम कर चुका है और उसके तार इसलामिक स्टेट खोरासान प्रोविन्स (आईएसकेपी) से जुड़े हुए हैं। अब्दुर रहमान को जम्मू-कश्मीर के जहानजेब समी वानी की मदद करने और उसके साथ साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया। अब्दुर रहमान आंखों का डॉक्टर है।
वानी और उसकी पत्नी हीना बशीर बेग को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा था कि जहानजेब समी और उनकी पत्नी हीना बशीर इसलामिक स्टेट के खुरासान मोड्यूल से जुड़े हुए हैं और ये नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन को भड़का रहे थे। इन्हें जामिया नगर इलाके से गिरफ़्तार किया गया था।
एनआईए ने कहा है कि अब्दुर रहमान ने यह माना है कि वह जहानजेब समी और सीरिया में आईएस के कई अन्य लोगों से संपर्क में था। रहमान ने एनआईए को यह भी बताया कि वह आईएस के घायल आतंकवादियों की मदद के लिए एक ऐप बना रहा था। इसके अलावा वह आईएस के लिए ऐसा ऐप विकसित करना चाहता था, जिसका इस्तेमाल हथियार के रूप में किया जा सके।
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