loader

नफ़रत भरे बयानों से दिल्ली में हुआ नुक़सान, ऐसे लोगों को हटाया जाए: मनोज तिवारी 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में क़रारी हार के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि नफ़रत भरे बयानों के कारण बीजेपी को विधानसभा चुनाव में नुक़सान हुआ। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए मनोज तिवारी ने दिल्ली के चुनाव नतीजों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की। 

तिवारी से पश्चिमी दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी बताने वाले और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के वर्मा के बयान का समर्थन करने को लेकर पूछा गया कि उनका इस बारे में क्या कहना है। तिवारी ने जवाब में कहा, ‘हमने चुनाव के दौरान भी ऐसे बयानों की निंदा की थी, हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने ऐसे बयानों की निंदा की थी। ऐसे बयानों का संदर्भ जो भी रहा हो लेकिन ये नफ़रत भरे बयान थे, पार्टी ऐसे बयानों से सहमत नहीं है और हमारी पार्टी को इसका नुक़सान उठाना पड़ा। हमने तब भी इस तरह के बयानों की निंदा की थी और आज भी करते हैं।’ 

ताज़ा ख़बरें

'शाहीन बाग़ पर अपने स्टैंड पर कायम'

यह पूछे जाने पर कि चुनाव में बीजेपी ने शाहीन बाग़ को क्यों मुद्दा बनाया? उत्तर-पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद तिवारी ने कहा, ‘पार्टी शाहीन बाग़ को लेकर अपने स्टैंड पर अडिग है। वहां मासूम लोगों को किसी एजेंडे के तहत भ्रमित करके बैठाया हुआ है।’ तिवारी ने कहा कि हमने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिये बुलाया लेकिन वे नहीं आये। तिवारी ने कहा, ‘शाहीन बाग़ को लेकर जो नफ़रत भरे भाषण दिये गये, हम उसका समर्थन नहीं करते, चाहे हमारी तरफ़ से ऐसा कहा गया हो, हमने उसकी निंदा की है और उसके लिये संबंधित लोगों को डांट पड़ी है और शाहीन बाग़ में बैठे लोगों ने जो नफ़रत भरे भाषण दिये हैं, उसकी भी हम निंदा करते हैं।’ 

चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के साथ न उतरने के सवाल पर तिवारी ने कहा, ‘हमारी पहले भी चर्चा होती थी कि हम चेहरे के साथ जाएं या नहीं। फिर सामूहिक रूप से फ़ैसला हुआ कि बिना चेहरे के जाएंगे और नतीजा हमारे सामने है।’
विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कपिल मिश्रा ने 8 फ़रवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुक़ाबला होने की बात कही थी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिठाला में हुई एक जनसभा में - ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…का’ नारा लगाया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने प्रवेश वर्मा के साथ ही कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर पर भी कार्रवाई की थी। 

कपिल मिश्रा को क्यों दिया टिकट?

यह पूछे जाने पर कि कपिल मिश्रा के ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…का’ नारा लगाने के बाद भी उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट क्यों दिया गया, इसे लेकर तिवारी ने कहा, ‘यह मेरी जानकारी में नहीं आया कि कपिल मिश्रा ने कभी ऐसा नारा लगाया। हम तो चाहते हैं कि ऐसे नफ़रत भरे भाषण देने वालों को हमेशा के लिये हटा दिया जाए। एक ऐसा सिस्टम बने कि जिसने भी नफ़रत भरे भाषण दिये हों, उसकी वैधानिक मान्यता ही समाप्त कर दी जाये। अगर इसकी शुरुआत होती है तो मैं इस बात का समर्थन करूंगा और इसमें सभी के ऊपर जांच होनी चाहिए।’ हालांकि तिवारी ने कहा कि वह यह बयान व्यक्तिगत रूप से दे रहे हैं, पार्टी अध्यक्ष के तौर पर नहीं। 
दिल्ली से और ख़बरें

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जमकर चुनाव प्रचार किया लेकिन पार्टी सिर्फ़ 8 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। हालांकि पार्टी का वोट फ़ीसद बढ़ा है और वह 2015 के विधानसभा चुनाव के मुक़ाबले लगभग 7 फ़ीसदी ज़्यादा वोट लाने में सफल रही है। जबकि आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं और लगभग 54 फ़ीसदी वोट मिले। 

बीजेपी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाया तो आम आदमी पार्टी ने पूरा फ़ोकस अपनी सरकार के 5 साल के कामकाज पर रखा।

तिवारी से पहले अमित शाह ने भी एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि हो सकता है कि बीजेपी नेताओं के नफ़रत वाले बयानों के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुक़सान हुआ होगा। लेकिन इसके बाद भी बीजेपी के नेता अपने बयानों से बाज़ नहीं आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल-उलूम देवबंद को आतंकवाद की गंगोत्री बताने के साथ ही 1947 में ही सभी मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए था, जैसे बयान भी हाल ही में दे चुके हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें