loader

बीजेपी के हेडक्वार्टर में बनाई गई ऑक्सीजन वाली कथित रिपोर्ट: सिसोदिया 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाई गई ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार ने पलटवार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उसे जितनी ज़रूरत थी, उससे 4 गुना ज़्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी। लेकिन दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यह रिपोर्ट तथाकथित है और बीजेपी के हेडक्वार्टर में बैठकर बनाई गई है। 

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व पीयूष गोयल सहित कई नेताओं ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया। 

सिसोदिया ने कहा है कि इस रिपोर्ट को लेकर बीजेपी के नेता अरविंद केजरीवाल को गालियां दे रहे हैं लेकिन ऐसी कोई रिपोर्ट आई ही नहीं है। पटपड़गंज सीट से विधायक सिसोदिया ने कहा कि हमने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के कई सदस्यों से बात की है और उन्होंने कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी रिपोर्ट को मंजूरी ही नहीं दी है। 

ताज़ा ख़बरें

सिसोदिया ने सवाल पूछा कि जब इस कमेटी ने किसी रिपोर्ट को मंजूरी ही नहीं दी है तो ये कौन सी रिपोर्ट है और यह कहां से आई है। उन्होंने कहा कि वह चुनौती देते हैं कि बीजेपी नेता ऐसी रिपोर्ट को लेकर आएं जिस पर इस कमेटी के सदस्यों ने दस्तख़त किए हों। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता झूठ बोलने के चरम पर पहुंच गए हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग जानते हैं कि यहां ऑक्सीजन की भारी कमी हुई थी और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उसने ऑक्सीजन मैनेजमेंट का बंटाधार कर दिया। सिसोदिया ने सवाल पूछा कि क्या वे सारे मरीज-तीमारदार, डॉक्टर और अस्पताल वाले झूठ बोल रहे हैं जो उस दौरान ऑक्सीजन की मांग कर रहे थे। 

ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट 

ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली को उस दौरान लगभग 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत थी लेकिन सरकार ने 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली सरकार की ओर से इतनी ज़्यादा ऑक्सीजन की मांग करने की वजह से 12 राज्यों को इस गैस के संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि दूसरे राज्यों की ऑक्सीजन भी दिल्ली को ही देनी पड़ी। 

दिल्ली से और ख़बरें

ऑडिट कमेटी ने कहा है कि 29 अप्रैल से 10 मई के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन की खपत के आंकड़ों में सुधार करना पड़ा क्योंकि कुछ अस्पतालों ने इसकी रिपोर्टिंग में बड़ी ग़लतियां की थीं। ऑडिट कमेटी के मुताबिक़, दिल्ली सरकार ने यह दिखाया कि राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत 1140 मीट्रिक टन है लेकिन ख़ामियों को दुरुस्त करने पर पता चला कि यह 209 मीट्रिक टन थी। 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पीक पर होने के दौरान (अप्रैल-मई 2021) केंद्र सरकार द्वारा किस राज्य को कितनी ऑक्सीजन दी जा रही है, इसे लेकर विवाद खड़ा हुआ था। तब ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच जमकर नोक-झोंक भी हुई थी। ऑक्सीजन की कमी के कारण कई राज्यों में सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें