जब रीटेल कंपनियों ने ये चीजें भेजीं तो पुलिस ने डेलीवरी बॉयज़ को न कि रोका, बल्कि उन्हें धमकाया, गालियाँ दीं, उनके साथ मारपीट की और कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया।
क्या कहना है ऑनलाइन कंपनियों का?
बिगबास्केट, फ्रेशमीनू और पोर्टिया मेडिकल जैसी ऑनलाइन रीटेल कंपनियों के प्रमोटर के. गणेश ने एनडीटीवी से कहा, ‘सरकार ने बिल्कुल सही कदम उठाया, पर उसने परचून की चीजें, खाने-पीने की चीजें, दवा और मेडिकल उपकरणों की ऑनलाइन डेलीवरी को इससे छूट देने का जो फै़सला किया, वह उन लोगों तक नहीं पहुँच सका जो ज़मीनी स्तर पर काम करते हैं और सरकार के फ़ैसले को लागू करते हैं।’पुलिस की ज़्यादती?
परचून की चीजें बेचने वाली कंपनी ग्रोफ़र्स और मांस सप्लाई करने वाली ऑनलाइन रीटेल कंपनी फ्रेशटूहोम के लोगों का भी यही कहना है। इन लोगों ने कहा कि पुलिस वाले लॉकडाउन को बग़ैर सोचे समझे लागू कर रहे हैं।मिल्कबास्केट ने आरोप लगाया है कि उसे 15 हज़ार लीटर दूध और 10 हज़ार किलो सब्जियाँ फेंक देनी पड़ी क्योंकि अधिकारियों ने उनकी डेलीवरी नहीं करने दी।
छूट का एलान
इसके साथ ही गुरुग्राम और नोएडा की पुलिस ने चुनिंदा रीटेल ऑनलाइन कंपनियों को छूट देने का एलान किया है।IMPORTANT INFORMATION FOR RESIDENTS OF #NOIDA
— POLICE COMMISSIONERATE NOIDA (@noidapolice) March 25, 2020
All identified home delivery personnel of ITC, Grofers, Milk Basket, BigBasket, Zomato, Harvest Gold, EasyDay and Spencer are allowed smooth movement as they fall under essential services category. #IndiaFightsCorona https://t.co/2sIy40gBRn
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