तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर जांच में सहयोग करने की इच्छा जताई है। मौलाना साद ने पत्र में लिखा है, ‘मैं पहले ही आपके दो नोटिस का जवाब देकर जांच में शामिल हो चुका हूं और इस बात को दुहराना चाहता हूं कि जांच में शामिल होने के लिए हमेशा तैयार हूं।’ यह पत्र 16 अप्रैल को लिखा गया है।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मौलाना साद के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज किया था। इसके तहत अभियुक्त को 10 साल की सजा हो सकती है। तब्लीग़ी जमात की ओर से मार्च में निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ में आयोजित किए गए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
यह मामला सामने आने के बाद मौलाना साद व पांच अन्य के ख़िलाफ़ मरकज़ निज़ामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने पर एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से ही मौलाना साद फरार चल रहे थे। दिल्ली सरकार का कहना था कि जब 13 मार्च से ही भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर बैन लगा दिया गया था तो फिर यह कार्यक्रम क्यों किया गया।
मौलाना साद की तलाश में पुलिस ने ज़ाकिर नगर, निज़ामुद्दीन और उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में स्थित उनके घरों पर भी छापेमारी की थी। उसके बाद ख़बर आई थी कि मौलाना साद दिल्ली के ज़ाकिर नगर में स्थित अपने घर में ही हैं। मौलाना साद ने ऑडियो जारी कर कहा था कि वह सेल्फ़ आइसोलेशन में हैं। उन्होंने जमात से जुड़े लोगों से सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए भी कहा था।
मौलाना साद के वकील ने कहा था कि आइसोलेशन का समय पूरा होने के बाद जमात के प्रमुख जांच में सहयोग करने के लिए आगे आएंगे। मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए और इनके संपर्क में आए 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों को क्वरेंटीन किया गया है।
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